सिंधु जल संधि (IWT) तटस्थ विशेषज्ञ कार्यवाही
सिंधु जल संधि (IWT) से संबंधित हालिया घटनाक्रमों ने मौजूदा तनाव और प्रक्रियागत चुनौतियों को उजागर किया है। यह सारांश तटस्थ विशेषज्ञ कार्यवाही से संबंधित प्रमुख घटनाओं और निर्णयों का अवलोकन प्रदान करता है।
भारत की गैर-भागीदारी और तटस्थ विशेषज्ञ की प्रतिक्रिया
- पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि से संबंधित तटस्थ विशेषज्ञ कार्यवाही की हाल की चौथी बैठक से खुद को दूर रखा है।
- तटस्थ विशेषज्ञ मिशेल लिनो ने कहा कि भारत की गैर-भागीदारी की स्थिति में, वह 'शीघ्रतापूर्वक' आगे बढ़ेंगे और भारत को आगे कोई प्रस्तुतिकरण या साइट विजिट किए बिना ही इस मुद्दे का निर्धारण करेंगे।
पाकिस्तान की स्थिति और संचार
- 1 अक्टूबर को पाकिस्तान ने विशेषज्ञ से अनुरोध किया कि वे प्रारंभिक प्रस्तुतियों और प्रथम स्थल दौरे के आधार पर मामले का तत्काल समाधान करें।
- लिनो के कार्यालय ने पाकिस्तान के अनुरोध को स्वीकार कर लिया तथा इस बात की पुष्टि की कि जब तक भारत पुनः इसमें शामिल होने का निर्णय नहीं ले लेता, तब तक भारत से कोई और जानकारी लिए बिना ही आगे बढ़ने का इरादा है।
कार्यवाही और भविष्य के कदम
- यदि भारत पुनः इसमें शामिल होता है, तो तटस्थ विशेषज्ञ कार्यवाही के चरण और निर्माण कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए कार्य कार्यक्रम में संशोधन पर विचार करेगा।
- भारत ने इससे पहले 29 सितंबर को कहा था कि भविष्य की बैठकों को रोक दिया जाना चाहिए।
- वियना में आयोजित चौथी बैठक में केवल पाकिस्तान के प्रस्तुतीकरण और प्रतिक्रियाएं शामिल थीं, भारत की कोई भागीदारी नहीं थी।
मूल कार्य कार्यक्रम और वर्तमान स्थिति
- मूल रूप से, चौथी बैठक में भारत के स्मारक और पाकिस्तान के प्रति स्मारक को शामिल किया जाना था, तथा दूसरी साइट का दौरा दिसंबर 2025 में निर्धारित किया गया था।
- इस कार्यक्रम में 2026 तक अनुवर्ती प्रस्तुतियाँ और प्रत्युत्तर भी शामिल थे, जिन्हें अब रोक दिया गया है।