IIT पाठ्यक्रम में व्यापक सुधार
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप अपने पाठ्यक्रम को अद्यतन कर रहे हैं, जिसमें लचीली और व्यावहारिक शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। यह बदलाव तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप है।
पाठ्यक्रम समीक्षा आवृत्ति
- परंपरागत रूप से, IIT हर दस साल में एक बार कार्यक्रमों की समीक्षा करते थे। अब, IIT खड़गपुर और IIT कानपुर जैसे संस्थान वार्षिक समीक्षा और हर दो से तीन सेमेस्टर में पाठ्यक्रमों को अपडेट करते हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और स्थिरता का एकीकरण
- अब पाठ्यक्रमों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्थिरता और नैतिकता को विभिन्न विषयों में समाहित किया जाता है।
- उपस्थिति संबंधी मानदंडों में लचीलेपन और परियोजना-आधारित शिक्षण पर जोर दिया जाता है।
- छात्र AI, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, ऊर्जा परिवर्तन और अन्य जैसे नए अंतःविषयक ट्रैक के साथ अपनी डिग्री को अनुकूलित कर सकते हैं।
प्रमुख IIT और पाठ्यक्रम संशोधन
- IIT कानपुर ने जनरेटिव AI और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले "विशेष विषय" पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
- नए क्षेत्रों में व्यावहारिक स्वास्थ्य अर्थशास्त्र, जलवायु वित्त और डिजिटल शासन शामिल हैं।
IIT दिल्ली का परिणाम-आधारित दृष्टिकोण
- टीम आधारित परियोजनाओं, प्रयोगशाला कार्य और ट्यूटोरियल पर केंद्रित एक नया पाठ्यक्रम लागू किया गया।
- संस्थान के विशाल आकार के कारण हर दस साल में एक बार पूर्ण नवीनीकरण होता है।
एकाधिक प्रवेश और निकास विकल्प
- उद्योग के लिए तत्परता बढ़ाने के लिए ऋण का बोझ कम करना और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देना।
- लघु डिग्री, विशेषज्ञता और बीटेक ऑनर्स पाठ्यक्रमों के विकल्प उपलब्ध हैं।
- IIT BHU जुलाई 2025 से छात्रों के लिए प्रवेश के बाद सात साल तक पुनः प्रवेश के विकल्पों के साथ लचीली प्रवेश-निकास नीतियां लागू करता है।
नए IIT में उभरते क्षेत्र
- IIT बॉम्बे अनुभवात्मक शिक्षा और डिजिटल शिक्षा के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करता है।
- IIT मंडी सतत विकास, जलवायु प्रौद्योगिकी और संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में शोध करता है।