मखाना योजना का विकास
केंद्र सरकार ने मखाना क्षेत्र के विकास के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी है, जिसके लिए 2025-26 से 2030-31 की अवधि को कवर करते हुए 476.03 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
प्रमुख फोकस क्षेत्र
- अनुसंधान और नवाचार
- गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन
- किसान क्षमता निर्माण
- कटाई और कटाई के बाद की प्रक्रियाओं में सुधार
- मूल्यवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन
- निर्यात प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली के कृषि भवन में आयोजित की गई।
- बोर्ड और केंद्रीय क्षेत्र योजना के लिए कार्यान्वयन प्रक्रिया शुरू की।
- राज्यों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्य योजनाओं की समीक्षा की गई।
- समग्र क्षेत्रीय विकास को लक्षित करते हुए विभिन्न घटकों के लिए आवंटित बजट।
राज्य और अनुसंधान सहयोग
बोर्ड ने आगामी वर्षों के लिए बिहार के सबौर स्थित SAU और समस्तीपुर स्थित CAU से आपूर्ति के साथ राज्यों की बीज आवश्यकताओं को समेकित करने पर जोर दिया।
- राज्य कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार और एनआरसी मखाना दरभंगा द्वारा विभिन्न राज्यों के प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण।
अनुसंधान और विकास
खेती और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास के महत्व पर प्रकाश डाला गया, साथ ही निम्नलिखित के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं पर भी जोर दिया गया:
- ग्रेडिंग, सुखाना, पॉपिंग और पैकेजिंग
- आधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना
- मूल्यवर्धन और बाजार संपर्क
- निर्यात के लिए तत्परता
इस मूलभूत बैठक ने पूरे भारत में मखाना क्षेत्र के समन्वित, वैज्ञानिक और बाजार-उन्मुख विकास के लिए एक रोडमैप तैयार किया।
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ
केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की। इसका आधिकारिक शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर, 2025 को बिहार में किया, जो भारत के मखाना क्षेत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।