प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS)
PMIS का उद्देश्य पांच वर्षों में शीर्ष 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। इसकी घोषणा 2024-25 के पूर्ण बजट में की गई थी।
हालिया घटनाक्रम
पायलट कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रस्तावों की स्वीकृति में गिरावट आई है।
- पहले दौर की तुलना में स्वीकृति दर में 12.4% की गिरावट आई है।
- पहले दौर में 34% प्रस्ताव स्वीकार किए गए, जबकि प्रस्तावों की संख्या में मामूली वृद्धि के बावजूद दूसरे दौर में केवल 29% प्रस्ताव ही स्वीकार किए गए।
चुनौतियाँ और समाधान
- कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) हितधारकों के साथ सहयोग, कार्यशालाओं, सेमिनारों और प्रचार अभियानों के माध्यम से इस योजना को बढ़ावा दे रहा है।
- चुनौतियों में इंटर्नशिप की लंबी अवधि और उम्मीदवारों की रुचियों और प्रस्तावित भूमिकाओं के बीच तालमेल की कमी शामिल है।
- औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और पॉलिटेक्निक संस्थानों से आवेदन करने वालों के लिए आयु सीमा कम करने के अनुरोध किए गए थे।
भौगोलिक और कॉर्पोरेट भागीदारी
- तमिलनाडु में इंटर्नशिप के अवसरों की संख्या सबसे अधिक 15,785 दर्ज की गई।
- मध्य प्रदेश में सबसे अधिक प्रतिक्रिया मिली, जहां 9,330 प्रस्तावों को स्वीकार किया गया।
- ओडिशा (7,242) और उत्तर प्रदेश (7,085) में भी अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव आए।
- जुबिलेंट फूडवर्क्स ने सबसे अधिक अवसर प्रदान किए, उसके बाद पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और HDFC बैंक का स्थान रहा।
- दूसरे चरण में 70 से अधिक नई कंपनियां इस कार्यक्रम में शामिल हुईं।
आधिकारिक बयान
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का उद्देश्य रोजगार उपलब्ध कराना नहीं है, लेकिन कंपनियां अपनी कार्यबल आवश्यकताओं के आधार पर रोजगार प्रस्ताव जारी कर सकती हैं।