इन सिद्धांतों को सार्वजनिक करना यह दिखाता है कि भारत संयुक्त युद्ध संचालन की अवधारणाओं को ज़्यादा स्पष्ट, सुलभ और व्यापक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- ये कदम सशस्त्र सेनाओं में अधिक संयुक्तता और एकीकरण की दिशा में भारत के प्रयासों को मजबूत करते हैं।
साइबरस्पेस ऑपरेशन्स के लिए संयुक्त सिद्धांत
- इसमें राष्ट्रीय साइबरस्पेस हितों की रक्षा के लिए एकीकृत दृष्टिकोण की रूपरेखा दी गई है।
- इसका उद्देश्य थल सेना, नौसेना और वायुसेना में समन्वित ऑपरेशन्स को सक्षम करने के लिए आक्रामक एवं रक्षात्मक साइबर क्षमताओं को एकीकृत करना है।
- इसमें निम्नलिखित को भी मुख्य रूप से शामिल किया गया है:
- खतरे के आधार पर योजना बनाना,
- रेसिलिएंस का निर्माण करना,
- रियल-टाइम खुफिया जानकारी का उपयोग करना और
- संयुक्त साइबर क्षमताओं का विकास करना।
एंफीबियस ऑपरेशन्स के लिए संयुक्त सिद्धांत
- यह इंटरऑपरेबिलिटी और त्वरित कार्रवाई पर जोर देते हुए नौसेना, वायु सेना एवं थल सेनाओं को एकीकृत करके एंफीबियस ऑपरेशन्स का मार्गदर्शन करता है।
- यह संस्करण 2008 के संस्करण को संशोधित करता है, जो इसे बदलते भू-रणनीतिक परिवेश और उन्नत क्षमताओं के अनुरूप सक्षम बनाता है।
- संतुलित एंफीबियस क्षमता खतरों को रोकती है तथा शांति काल के दौरान बचाव मिशन (Evacuation missions) और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) कार्यों में मदद करती है।
इसके अलावा, CDS ने विविध नए सिद्धांतों का विकास भी शुरू किया है, जैसे:
- सैन्य अंतरिक्ष ऑपरेशन्स,
- स्पेशल फ़ोर्स ऑपरेशन्स,
- एयरबोर्न/ हेलीबोर्न ऑपरेशन्स,
- इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स व मल्टी डोमेन ऑपरेशन्स आदि।
संयुक्तता (Jointness) और एकीकरण (Integration) के बारे मेंसंयुक्तता: सशस्त्र बलों की संयुक्तता का अर्थ है, तीनों सेनाओं की विशिष्टता का सम्मान करते हुए संसाधनों का समन्वित उपयोग करना। इससे सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होंगे और कार्यों के दोहराव से बचा जा सकेगा। संयुक्तता और एकीकरण के लिए की गई पहलें
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