डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
सरकार ने एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इसमें इन लेन-देन के लिए शून्य मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) बनाए रखने पर जोर दिया गया है।
MDR पर स्पष्टीकरण
- UPI लेनदेन पर MDR शुल्क लगाए जाने की अटकलें थीं।
- वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ये अटकलें पूरी तरह से गलत, निराधार और भ्रामक हैं।
- ऐसी अफवाहें नागरिकों में अनावश्यक असमंजस, भय और संदेह पैदा करती हैं।
विधायी परिवर्तन
- डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2020 से MDR को शून्य कर दिया गया।
- यह निम्नलिखित संशोधनों के माध्यम से प्राप्त किया गया:
- भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 10A
- आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269SU
पदोन्नति के लिए प्रोत्साहन योजना
- सरकार ने "RuPay डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले BHIM-UPI (P2M) लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना" शुरू की।
- भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावी ढंग से समर्थन देने के लिए इस योजना की घोषणा मार्च में की गई थी।
- यह केवल छोटे व्यापारियों के लिए ₹2,000 तक के UPI (P2M) लेन-देन को कवर करता है।