भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की पहल
उद्देश्य
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित लगभग 1,600 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) की लेखापरीक्षा के लिए समर्पित एक अलग इकाई की स्थापना की है। इस पहल का उद्देश्य लेखापरीक्षा प्रक्रिया में तेजी लाना और सार्वजनिक उद्यमों की दक्षता में सुधार करना है।
- नई लेखापरीक्षा संरचना:
- एक समर्पित स्थान पर किसी विशिष्ट राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए लेखापरीक्षा का कार्य किया जाएगा।
- यह केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यमों के ढांचे के समान है, जिनमें पहले से ही लेखापरीक्षा के लिए एक समर्पित इकाई मौजूद है।
वर्तमान चुनौतियाँ और समाधान
- वर्तमान में, राज्य सार्वजनिक उपक्रमों के लिए लेखापरीक्षा का प्रबंधन कई राज्यों की देखरेख करने वाले वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा किया जाता है। यह समय लेने वाला कार्य है।
- एक समर्पित वर्टिकल सभी राज्य सार्वजनिक क्षेत्रक के उपक्रमों के लिए सूचना को एकत्रित करेगा, जिससे हितधारकों के लिए तुलना करना आसान हो जाएगा।
आंकड़े
- लगभग:
- 700 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSEs)
- 1,600 राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (SPSEs)
- 485 केंद्रीय स्वायत्त निकाय (CABs)
- 700 से अधिक राज्य स्वायत्त निकाय
डिजिटल परिवर्तन और दूरस्थ लेखा परीक्षा
- CAG कार्यकुशलता और पारदर्शिता में सुधार के लिए अपनी दूरस्थ लेखापरीक्षा क्षमताओं को बढ़ा रहा है।
- GST, स्टाम्प ड्यूटी, पंजीकरण और सार्वजनिक कार्यों के लिए रिमोट/ हाइब्रिड ऑडिट के प्रारंभिक प्रयास सफल रहे हैं।
- कार्य संबंधी प्रक्रियाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण को प्राप्त करने और देश भर में हाइब्रिड ऑडिट का विस्तार करने के लिए अधिकारियों के साथ जुड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।