एक्सिओम-4 मिशन अवलोकन
एक्सिओम-4 मिशन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाना है।
मिशन का मुख्य विवरण
- प्रक्षेपण तिथि: संभावित मौसम और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए 19 जून, 2025 निर्धारित की गई है।
- प्रक्षेपण यान: स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट, प्रक्षेपण कॉम्प्लेक्स 39-A पर तैनात किया जाना है।
- शामिल अंतरिक्ष यात्री:
- पैगी व्हिटसन: नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक, इस मिशन की कमान संभालेंगी।
- शुभांशु शुक्ला: इसरो अंतरिक्ष यात्री; पायलट के रूप में सेवारत; मानव अंतरिक्ष यान में भारत की वापसी को दर्शाती हैं।
- स्लावोस्ज़ उज़्नान्स्की-विस्निएव्स्की: पोलैंड से ESA अंतरिक्ष यात्री, मिशन विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत।
- टिबोर कापू: हंगरी से ESA अंतरिक्ष यात्री, मिशन विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत।
विलंब और चुनौतियाँ
- तकनीकी समस्याओं और फाल्कन-9 रॉकेट में तरल ऑक्सीजन रिसाव की खोज के कारण प्रक्षेपण को कई बार स्थगित किया जा चुका है।
- ऑक्सीजन रिसाव के संबंध में इसरो और स्पेसएक्स के बीच मतभेद थे, लेकिन इस मुद्दे को सुलझाने के लिए आपसी सहयोग प्राप्त किया गया।
- अतिरिक्त विलम्ब का कारण ISS पर स्थित ज़्वेज़्दा सर्विस मॉड्यूल में आई खराबी को बताया गया। इस विसंगति पर एक्सिओम, नासा के साथ समन्वय कर रहा था।
मिशन का महत्व
- यह मिशन विभिन्न देशों के सहयोगात्मक प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत, पोलैंड और हंगरी की मानव अंतरिक्ष उड़ान भागीदारी को पुनर्जीवित करता है।
- 14 दिवसीय यह मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण और वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को रेखांकित करता है।