भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंध
भारत और कनाडा अपने द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने और स्थिर करने के लिए "संतुलित" और "रचनात्मक" उपाय करने पर सहमत हुए हैं। इसमें दो साल के अंतराल के बाद अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू करना और एक-दूसरे की राजधानियों में नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति करना शामिल है।
प्रमुख घटनाक्रम
- भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री माइक कार्नी ने अल्बर्टा के कनानैस्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में मुलाकात की।
- दोनों नेताओं ने "विश्वास को पुनः स्थापित करने" तथा अपने संबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए वरिष्ठ मंत्रीस्तरीय तथा कार्यकारी स्तर पर बातचीत पुनः शुरू करने का निर्णय लिया।
- प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (EPTA) पर वार्ता को पुनः आरंभ करने का उद्देश्य व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) को सुगम बनाना है।
पृष्ठभूमि और मुद्दे
जून 2023 में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और उसके बाद अक्टूबर 2023 में राजनयिक निष्कासन के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए।
प्रधान मंत्री मोदी और प्रधान मंत्री कार्नी ने विधि के शासन तथा संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
आर्थिक जुड़ाव
- वित्त वर्ष 2025 में कनाडा को भारत का निर्यात 4.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 9.8% की वृद्धि दर्शाता है। प्रमुख निर्यातों में दवाइयां, वस्त्र, हीरे, रसायन, समुद्री भोजन आदि शामिल हैं।
- वित्त वर्ष 2025 में भारत के कुल निर्यात में कनाडा का हिस्सा 1% से भी कम था, जबकि कनाडा से आयात 2% घटकर 4.4 बिलियन डॉलर रह गया।
- कनाडा से भारत को मुख्यतः दालें, कच्चा तेल, उर्वरक, विमान, हीरे और कोयला का निर्यात होता है।
भावी सहयोग
- नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा , डिजिटल परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
- उन्होंने स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया।
मोदी-कार्नी बैठक में एक "रचनात्मक और संतुलित" साझेदारी की पारस्परिक इच्छा पर प्रकाश डाला गया, जो मजबूत पीपल-टू-पीपल और आर्थिक पूरकताओं पर आधारित होगी।