QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026: भारत का प्रदर्शन
भारत ने QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है, जो उच्च शिक्षा क्षेत्र में तेजी से विस्तार को दर्शाता है।
मुख्य सफलताएं
- रैंकिंग में भारत ने विश्व स्तर पर सबसे अधिक नई प्रविष्टियाँ दर्ज कीं।
- एक दशक में रैंक प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों की संख्या 390% बढ़कर 11 से 54 हो गई, जो कि जी-20 देशों में सबसे तीव्र वृद्धि है।
- इस रैंकिंग में अमेरिका, ब्रिटेन और मुख्यभूमि चीन के बाद भारत चौथा सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश है।
सर्वोच्च रैंक वाले भारतीय संस्थान
- IIT दिल्ली - संयुक्त 123वां
- IIT बॉम्बे - 129वां
- IIT मद्रास - 180वां
- अन्य प्रमुख संस्थानों में IIT खड़गपुर, IISC बैंगलोर, IIT कानपुर, दिल्ली विश्वविद्यालय, IIT गुवाहाटी, IIT रुड़की और अन्ना विश्वविद्यालय शामिल हैं।
अनुसंधान और प्रतिष्ठा
- विशेष रूप से प्रति संकाय उद्धरण, स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क में, भारतीय विश्वविद्यालय अपने वैश्विक अनुसंधान प्रभाव को बढ़ा रहे हैं।
- नियोक्ता प्रतिष्ठा के मामले में वैश्विक स्तर पर शीर्ष 100 संस्थानों में पांच भारतीय संस्थान शामिल हैं। साथ ही, इन्होंने मुख्य भूमि चीन, फिनलैंड और फ्रांस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है।
- साइटेशन पर फैकल्टी के मामले में आठ भारतीय संस्थान वैश्विक स्तर पर शीर्ष 100 में हैं, जो मजबूत अनुसंधान वृद्धि का संकेत है।
चुनौतियां
- अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात: 78% भारतीय विश्वविद्यालयों में गिरावट देखी गई, जिससे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने में चुनौतियां हुईं।
- फैकल्टी/छात्र अनुपात: 63% भारतीय विश्वविद्यालयों में गिरावट देखी गई, जो एक गंभीर संरचनात्मक चुनौती है।
- ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी फैकल्टी/ छात्र अनुपात के लिए वैश्विक शीर्ष 350 में 257वें स्थान पर एकमात्र भारतीय विश्वविद्यालय है।
भविष्य की दिशाएं
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत को वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में बढ़ावा देना है।
- भारत की युवा जनसंख्या के कारण शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता दोनों को बढ़ाने के प्रयासों को राष्ट्रीय अनिवार्यता माना जाता है।
- फ्यूचर फोकस में अधिकाधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और फैकल्टी को आकर्षित करना तथा गुणवत्ता के लिए शैक्षणिक क्षमता को बढ़ाना शामिल है।