अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) से भारत की अपील
भारतीय तट पर जहाज डूबने और आग लगने की बढ़ती घटनाओं के कारण, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) से कंटेनर सुरक्षा और कार्गो प्रकटीकरण नियमों को तत्काल सख्त करने का अनुरोध किया है।
हाल की समुद्री घटनाएँ
- भारत ने दो महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डाला:
- लाइबेरियाई ध्वज वाले जहाज एमएससी ईएलएसए 3 का डूबना।
- एमवी वान हाई 503 में लगी आग, जिसे अभी तक पूरी तरह से बुझाया नहीं जा सका है।
- ये घटनाएं लिथियम-आयन बैटरी और प्लास्टिक नर्डल्स जैसी खतरनाक सामग्री ले जाने वाले कंटेनर जहाजों के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।
भारत की स्थिति और सिफारिशें
- भारत का कहना है कि सुरक्षा के लिए केवल शिपमेंट घोषणाओं पर निर्भर रहना अपर्याप्त है।
- कार्गो प्रबंधन पारदर्शी होना चाहिए, और जहाज मालिकों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाना चाहिए।
- कंटेनर जहाज़ की सुरक्षा और चालक दल की सुरक्षा के लिए मजबूत नियामक तंत्र आवश्यक हैं।
पर्यावरण और सुरक्षा पर प्रभाव
- केरल में प्लास्टिक के कचरे का लगातार समुद्र तटों पर आना जारी है, जिसके कारण सफाई के प्रयास तेज हो गए हैं।
- समुद्र में गिरे 65 कंटेनरों के कारण पर्यावरण को भारी क्षति पहुंची है।
- ज्वलनशील पदार्थों से संबंधित अतिरिक्त घटनाएं मुम्बई और केरल तटों के पास हुईं।
- दोनों घटनाओं से तटीय मछली पकड़ने वाले समुदायों को पारिस्थितिकीय क्षति हुई।
भावी कार्यवाहियाँ और बैठकें
- भारत की योजना भविष्य में होने वाली आईएमओ बैठकों में चल रही सुरक्षा जांच के निष्कर्षों को साझा करने की है।
- अगली समुद्री सुरक्षा समिति की बैठक मई 2026 में निर्धारित है, जबकि समुद्री पर्यावरण संरक्षण समिति की बैठक अक्टूबर में होगी।
- भारत ने विदेशी जहाजों और चालक दल से जुड़ी घटनाओं के बावजूद तेजी से खोज और बचाव अभियान चलाने पर जोर दिया।