भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंध
प्रधान मंत्री ने द्वीपीय राष्ट्र मालदीव के सबसे भरोसेमंद मित्र के रूप में भारत के पक्ष पर जोर देते हुए मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट देने की घोषणा की।
प्रमुख घोषणाएँ और समझौते
- हाल ही में यूनाइटेड किंगडम के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर के बाद भारत मालदीव के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता शुरू कर रहा है।
- दोनों देश द्विपक्षीय निवेश संधि को शीघ्र अंतिम रूप देना चाहते हैं।
- चर्चा व्यापार, रक्षा और बुनियादी ढांचे में सहयोग पर केंद्रित रही।
- चार समझौता ज्ञापन (MoUs) और तीन समझौतों का आदान-प्रदान किया गया।
- भारत ने हुलहुमाले में 3,300 सामाजिक आवास इकाइयां सौंपी तथा अड्डू में सड़क एवं जल निकासी प्रणाली परियोजना का उद्घाटन किया।
- मत्स्य पालन और जलीय कृषि में सहयोग तथा सफल डिजिटल समाधान साझा करने पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
पारस्परिक सहयोग और सुरक्षा
- प्रधानमंत्री ने कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के माध्यम से क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के इरादे से हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के महत्व पर प्रकाश डाला।
- मालदीव के राष्ट्रपति ने मालदीव के पर्यटन के लिए एक प्रमुख बाजार के रूप में भारत की भूमिका का उल्लेख किया तथा सीधी उड़ानों के माध्यम से पर्यटन में सहयोग बढ़ाने में रुचि व्यक्त की।
पर्यावरण और तकनीकी सहयोग
- चर्चाओं में अपशिष्ट प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा तथा जल एवं स्वच्छता में तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण शामिल थे।
- भारत मालदीव के रक्षा मंत्रालय को 72 भारी वाहन उपलब्ध कराएगा।
राजनयिक संबंधों को मजबूत करना
- इस यात्रा से राजनयिक संबंधों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ, जो वर्तमान राष्ट्रपति के कार्यकाल तथा मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की प्रारंभिक मांग के कारण तनावपूर्ण हो गया था।
- आर्थिक चुनौतियों के दौरान भारत के निरंतर समर्थन से द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने में मदद मिली है।
- राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दोनों नेताओं ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।