फ़िलिस्तीनी राज्य की मान्यता
फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे धनी अमेरिकी सहयोगियों द्वारा संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीनी राज्य के दर्जे को मान्यता देने की दिशा में हालिया बदलाव अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इज़राइल को लगातार मिल रहे समर्थन के बावजूद, यह कदम द्वि-राज्य समाधान को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
फ़िलिस्तीनी राज्य के लिए वर्तमान समर्थन
- भारत सहित 147 देश पहले से ही फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे चुके हैं।
- यह नई मान्यता आंदोलन को एक नया और सार्थक प्रोत्साहन प्रदान करती है।
चुनौतियाँ और विवाद
- अमेरिका और 15 यूरोपीय संघ सदस्य देश इसका विरोध कर रहे हैं।
- जुलाई में फ्रांस-सऊदी अरब संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में द्वि-राज्य समाधान के लिए प्रस्ताव विकसित किये गये थे।
- इजराइल ने गाजा में अपने कार्यों की आलोचना को यहूदी विरोधी करार दिया है, जिससे कूटनीतिक प्रयास जटिल हो गए हैं।
अमेरिकी सहयोगियों और वैश्विक कूटनीति पर प्रभाव
- अमेरिका के सहयोगी देश ऐतिहासिक निष्ठा और अपनी भू-राजनीति को दिशा देने वाले साझा मूल्यों के बीच एक नया स्थान तलाश रहे हैं।
- यह आंदोलन दीर्घकालिक वैश्विक राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए ऐतिहासिक मतभेदों वाले देशों को एक साथ ला रहा है।
संक्षेप में, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय बहुपक्षीय सहयोग में महत्वपूर्ण बदलाव देख रहा है, जिसमें फिलीस्तीन-इजराइल संघर्ष जैसे जटिल मुद्दों के समाधान में मूल्यों और व्यावहारिक कूटनीति पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।