बांग्लादेश से जूट उत्पादों पर आयात प्रतिबंध
भारत सरकार ने स्थानीय उद्योगों को नुकसान पहुंचाने वाली अनुचित सब्सिडी का हवाला देते हुए बांग्लादेश से जूट उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगा दिए हैं।
आदेश का विवरण
- प्रभावित वस्तुओं में जूट के प्रक्षालित और अप्रक्षालित बुने हुए कपड़े, जूट से बनी रस्सी और डोरी, तथा जूट के बोरे और थैले शामिल हैं।
- आयात मार्ग प्रतिबंध: केवल न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से अनुमति है।
प्रतिबंध का औचित्य
- बांग्लादेश की निर्यात सब्सिडी: भारतीय स्थानीय उद्योगों के लिए हानिकारक होने का दावा
- एचएस कोड का दुरुपयोग: प्रतिबंधों से बचने के लिए विभिन्न कोड्स के तहत माल को गलत जगह पर भेजा जाता है
- डंपिंग-रोधी चिंताएँ: निर्यात को अन्य उत्पादों के साथ मिलाकर धोखाधड़ी
पिछले उपाय
जून में भारत ने स्थल पोर्ट्स के माध्यम से कुछ जूट की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया था, तथा 17 मई के आदेश में बांग्लादेश के विभिन्न सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- प्रतिबंधित वस्तुएँ:
- फल और फल-स्वाद वाले पेय
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (बेक्ड सामान, स्नैक्स, चिप्स, मिष्ठान्न)
- कपास और सूती धागे के अपशिष्ट
- प्लास्टिक और PVC से निर्मित सामान (निर्दिष्ट वस्तुओं को छोड़कर)
- लकड़ी का फर्नीचर
- प्रतिबंधित स्थल पोर्ट्स: असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, चांगराबांधा, फुलबारी
पृष्ठभूमि और प्रतिक्रियाएँ
ये उपाय बांग्लादेश द्वारा चीन से संपर्क साधने के बाद उत्पन्न राजनीतिक तनाव के समय में उठाए गए हैं।
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