सुंदरबन में खारे पानी के मगरमच्छों की संख्या में वृद्धि
राज्य के वन विभाग के सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े सरीसृपों में से एक, खारे पानी के मगरमच्छों की आबादी में सुंदरबन बायोस्फीयर रिजर्व (SBR) में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष
- वर्तमान अनुमानित संख्या अधिकतम 242 और न्यूनतम 220 के बीच है, जिसमें 213 बार प्रत्यक्ष रूप से देखा गया हैं।
- सभी जनसांख्यिकीय वर्गों में से विशेष रूप से हैचलिंग वर्ग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- 2024 में 71 वयस्क, 41 किशोर और 2 नवजात देखे गए थे, जबकि इस वर्ष काफी वृद्धि हुई है।
पारिस्थितिक भूमिका और वितरण
- खारे पानी के मगरमच्छ अतिमांसाहारी शीर्ष शिकारी होते हैं तथा शवों को खाकर स्वच्छ जल पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में योगदान देते हैं।
- भारत में ये ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में पाए जाते हैं।
सर्वेक्षण की पद्धति और पर्यावास संबंधी वरीयताएँ
- एक अध्ययन में SBR में 1168 किलोमीटर लंबी खाड़ियों को शामिल किया गया था, जो कुल महत्वपूर्ण खाड़ी लंबाई का 64% है।
- मगरमच्छ 180 मीटर से कम चौड़ाई वाली खाड़ियों और नदियों को प्राथमिकता देते हैं।
- ये सर्दियों के दौरान पानी की लवणता के एक विस्तृत स्तर का सहन कर लेते हैं, लेकिन लवणता बढ़ने से उनके आवास को खतरा हो सकता है।
संरक्षण के प्रयास
- 1976 में शुरू की गई भगबतपुर मगरमच्छ परियोजना जैसी पहलों के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार खारे पानी के मगरमच्छों का सक्रिय रूप से संरक्षण कर रही है।