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केरल में 'दिमाग खाने वाले अमीबा' के 3 नए मामले: आपको क्या जानना चाहिए | Current Affairs | Vision IAS

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केरल में 'दिमाग खाने वाले अमीबा' के 3 नए मामले: आपको क्या जानना चाहिए

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केरल में PAM मामले

हाल ही में, केरल में प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस (PAM) के तीन मामले सामने आए हैं, जो नेगलेरिया फाउलेरी या ' दिमाग खाने वाले अमीबा ' के कारण होने वाला एक दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण है।

नेगलेरिया फाउलेरी के बारे में

  • नेगलेरिया फाउलेरी एक स्वतंत्र जीव है, जो गर्म, ताजे पानी और मिट्टी में पाया जाता है।
  • यह व्यक्ति को नाक के माध्यम से संक्रमित करता है, विशेष रूप से तैराकी के दौरान, और मस्तिष्क तक पहुंच कर ऊतकों को नष्ट करता है तथा सूजन पैदा करता है।
  • यह पीने के पानी से संक्रमित नहीं होता है और गैर-संचारी है।

लक्षण और मृत्यु दर

  • प्रारंभिक लक्षण: सिरदर्द, बुखार, मतली और उल्टी।
  • बाद के लक्षण: गर्दन में अकड़न, भ्रम, दौरे, मतिभ्रम और कोमा।
  • सीडीसी के अनुसार, पीएएम से पीड़ित अधिकांश लोग लक्षण दिखने के 1 से 18 दिनों के भीतर मर जाते हैं, जिससे आमतौर पर वे कोमा में चले जाते हैं और 5 दिनों में उनकी मृत्यु हो जाती है।

इलाज

  • कोई प्रभावी उपचार ज्ञात नहीं किया गया है।
  • वर्तमान प्रबंधन में एमफोटेरिसिन बी, एजिथ्रोमाइसिन, फ्लुकोनाज़ोल, रिफाम्पिन, मिल्टेफोसिन और डेक्सामेथासोन जैसी दवाओं का संयोजन शामिल है।

PAM मामलों को प्रभावित करने वाले कारक

  • तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) के लिए परीक्षण में वृद्धि।
  • संभवतः इसका कारण जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण है।
  • धूल और मिट्टी में पाए जाने वाले नए अमीबा श्रेणियों की संभावना इसका कारण हो सकती है।
  • Tags :
  • Primary Amoebic Meningoencephalitis
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