भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ (EEU) मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता
भारत और EEU (जिसमें रूस, कजाकिस्तान, बेलारूस, आर्मेनिया और किर्गिस्तान शामिल हैं) ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता शुरू करने के लिए संदर्भ की शर्तों (ToR) पर हस्ताक्षर किए हैं।
संदर्भ और पृष्ठभूमि
- रूस EEU का सबसे बड़ा सदस्य है और EEU के साथ भारत के व्यापार में 92% से अधिक का योगदान रूस का है।
- FTA वार्ता भारत और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों के संदर्भ में विशेष रूप से अमेरिका द्वारा लगाए गए नए आयात शुल्कों के कारण हो रही है।
अमेरिका-भारत व्यापार संबंध
- अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जो दोगुना होकर 50% हो गया है। अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल के आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है।
- इन कार्रवाइयों को रूस-यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर भारत पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका द्वारा किये गए प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।
EEU के साथ FTA का महत्व
- FTA से भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार पहुंच बढ़ने तथा नए क्षेत्रों में विविधीकरण को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
- EEU का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 6.5 ट्रिलियन डॉलर है, जो व्यापक आर्थिक अवसर प्रदान करता है।
- इस समझौते का उद्देश्य निवेश प्रवाह को बढ़ाना और भारत-EEU आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है।
वर्तमान व्यापार सांख्यिकी
- भारत और EEU के बीच व्यापार 2024 में 69 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 7% की वृद्धि दर्शाता है।
- भारत और रूस ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
FTA को शीघ्र पूरा करने की प्रतिबद्धता भारत और EEU के बीच व्यापार सहयोग के लिए दीर्घकालिक रूपरेखा विकसित करने में साझा रुचि को दर्शाती है।