भारत-फिजी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना
भारत और फिजी ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक कार्य-योजना की घोषणा की है। इस योजना में फिजी को उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा में भारत की सहायता शामिल है।
प्रमुख समझौते और पहलें
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिटिवेनी लिगामामादा राबुका ने नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए और विशेष रूप से रक्षा और समुद्री क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाने के लिए 17 पहलों की घोषणा की।
- प्रशांत क्षेत्र में चीन के रणनीतिक विस्तार के बीच यह सहयोग महत्वपूर्ण है।
ऐतिहासिक संदर्भ और वर्तमान यात्रा
भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए सीटिवेनी राबुका दूसरी बार फिजी के प्रधानमंत्री के रूप में पड़ संभाल रहे हैं, इससे पहले वे 1992 से 1997 तक इस पद पर रह चुके हैं।
- रबुका ने 1987 में जातीय फिजी वर्चस्व स्थापित करने के लिए दो सैन्य तख्तापलट का नेतृत्व किया, जिसके लिए उन्होंने बाद में 2006 में माफी मांगी।
- यात्रा के दौरान रबुका ने फिजी के विकास और स्थिरता में फिजी-भारतीयों के योगदान को स्वीकार किया।
साझेदारी और पहल
- मोदी ने फिजी के साथ मजबूत होती साझेदारी पर प्रकाश डाला तथा फिजी की समुद्री और साइबर सुरक्षा के साथ-साथ डेटा संरक्षण के लिए समर्थन की घोषणा की।
- फिजी को प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ भारत के सहयोग के केंद्र के रूप में देखा जाता है, जो एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करता है।
- भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल के साथ फिजी के सहयोग का स्वागत किया गया।
रक्षा पर संयुक्त कार्य समूह
इसकी पहली बैठक हाल ही में आयोजित की गई, जिसमें फिजी के सैन्य बलों में क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया।
स्वास्थ्य, संस्कृति और आर्थिक पहलें
- भारत की योजना फिजी में एक सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल बनाने और संचालित करने की है, जिससे पूरे प्रशांत क्षेत्र को लाभ होगा।
- भारत में फिजी के पंडितों को प्रशिक्षण देने तथा फिजी के बाजारों में भारतीय घी की पहुंच बनाने के लिए भी सहायता दी जा रही है।
फिजी का क्षेत्रीय महत्व
फ़िजी प्रशांत क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय केंद्र है, जहाँ अन्य देशों के साथ महत्वपूर्ण हवाई और समुद्री संपर्क हैं। यह प्रशांत द्वीप मंच और अन्य क्षेत्रीय निकायों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।