भारत में ऑनलाइन गेमिंग कानून
भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर बढ़ती चिंताओं को देखते हुए ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 को कानूनी रूप दिया गया है।
अधिनियम के प्रमुख पहलू
- ऑनलाइन गेम्स का वर्गीकरण:
- अधिनियम ऑनलाइन गेम्स को तीन खंडों में वर्गीकृत करता है: ई-स्पोर्ट्स , सोशल गेमिंग और रियल मनी गेम्स (RMG) ।
- इसमें सभी प्रकार के RMGs पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसमें संबंधित विज्ञापन भी शामिल हैं।
- ऑनलाइन मनी गेम को शुल्क-भुगतान या मौद्रिक दांव से जुड़े गेम के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- उद्योगों पर प्रभाव:
- इससे RMG उद्योग ने संभावित नौकरी की हानि की चेतावनी दी है, जिससे 400 से अधिक कंपनियों में दो लाख से अधिक नौकरियां प्रभावित होंगी।
- दंडात्मक उपाय:
- ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश या प्रचार करने पर कारावास (तीन साल तक) और/या जुर्माना (₹1 करोड़ तक) हो सकता है।
- इन खेलों के गैर-कानूनी विज्ञापन के परिणामस्वरूप कारावास (दो वर्ष तक) और/या जुर्माना (50 लाख रुपये तक) हो सकता है।
- नियामक फ्रेमवर्क:
- सरकार ऑनलाइन गेम्स की निगरानी के लिए एक नियामक प्राधिकरण का गठन कर सकती है।
- IT मंत्रालय ने गेमिंग फर्मों को मध्यस्थ मानने के लिए नियमों में संशोधन किया है, जिसके तहत KYC अनुपालन अनिवार्य होगा।
चिंताएँ और चुनौतियाँ
- वित्तीय चिंताएँ:
- सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि RMGs के कारण भारतीयों को प्रतिवर्ष लगभग 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
- ऑनलाइन गेमिंग फर्मों से जुड़ी कर चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्टें।
- सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन गेमिंग को बाध्यकारी व्यवहार और मनोवैज्ञानिक संकट से जोड़ता है।
- गेमिंग की लत के कारण 31 महीनों में कर्नाटक में 32 लोगों के आत्महत्या करने की सूचना मिलती है।
- कानूनी और नियामक चुनौतियाँ:
- गेमिंग कंपनियां प्रतिबंधों से बचने के लिए VPN का उपयोग कर सकती हैं।
- संविधान में राज्य सूची की प्रविष्टियाँ सट्टेबाजी और जुए को राज्य के अधिकार क्षेत्र में रखती हैं, जिससे विसंगतियां पैदा हो सकती हैं।
न्यायिक और संवैधानिक पहलू
- सर्वोच्च न्यायालय की भागीदारी:
- सर्वोच्च न्यायालय ने कर चोरी के संबंध में गेमिंग कंपनियों को जारी नोटिस पर रोक लगा दी है।
- न्यायालय को अभी यह निर्णय लेना है कि रम्मी और फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे खेल कौशल आधारित हैं या जुआ।
- संवैधानिक चिंताएं:
- अधिनियम में कौशल और संयोग के खेल के बीच अंतर की कमी को अनुच्छेद 19 (1) (G) का उल्लंघन माना जाता है।