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ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 लोक सभा में पारित हुआ | Current Affairs | Vision IAS
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ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 लोक सभा में पारित हुआ

Posted 21 Aug 2025

1 min read

यह विधेयक भारत के संविधान के अनुच्छेद 117(1) और 117(3) के तहत राष्ट्रपति की सिफारिश से सदन में पेश किया गया था।

इस विधेयक के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर 

  • उद्देश्य: ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्रक के लिए एक मजबूत कानूनी फ्रेमवर्क तैयार करना। इससे इस क्षेत्रक को विनियमित किया जा सकेगा, इसे बढ़ावा दिया जा सकेगा तथा नवाचार और आर्थिक संवृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, सभी नागरिकों के लिए एक विकसित, सुरक्षित एवं जिम्मेदार डिजिटल व्यवस्था सुनिश्चित करना।
  • ऑनलाइन गेम्स की श्रेणियां:
    • ई-स्पोर्ट: ये खेल बहु-खेल आयोजनों के भाग के रूप में खेले जाते हैं। इनमें खिलाड़ी या टीमें प्रतिस्पर्धा करती हैं और इस खेल के परिणाम केवल शारीरिक निपुणता (Physical dexterity) और मानसिक चपलता (Mental agility) पर निर्भर करते हैं।
    • ऑनलाइन सोशल गेम: इनमें धन जीतने या दांव लगाने जैसी कोई बात नहीं होती है। ये खेल केवल मनोरंजन, समय बिताने या कौशल (skill) को विकसित करने के लिए खेले जाते हैं।
    • ऑनलाइन मनी गेम: ऐसे खेल जिनमें खिलाड़ी को खेलने के लिए शुल्क देना या पैसा जमा करना होता है और बदले में वह पैसे या अन्य इनाम जीतने की उम्मीद रखता है। ये खेल चाहे कौशल पर आधारित हों, संयोग पर आधारित हों या दोनों पर, लेकिन इनमें ई-स्पोर्ट्स शामिल नहीं होता है।
  • ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध: ऐसे खेलों को संचालित करना, उनका विज्ञापन करना, और बैंकों या किसी भी वित्तीय संस्था द्वारा इनके लिए लेन-देन करने की सुविधा देना, इन सब पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देना: सरकार को ई-स्पोर्ट्स एवं ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देने व विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  • ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण: एक विशेष संस्था बनाई जाएगी या किसी मौजूदा संस्था को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसी संस्था—
    • इस क्षेत्रक से संबंधित नीतियों का समन्वय करेगी,
    • इस क्षेत्रक के रणनीतिक विकास को सुनिश्चित करेगी, और
    • इस क्षेत्रक की निगरानी एवं विनियमों का पालन सुनिश्चित करेगी।

अनुच्छेद 117: वित्त विधेयकों के संबंध में विशेष प्रावधान

  • अनुच्छेद 117(1): इसके तहत यह प्रावधान किया गया है कि अनुच्छेद 110 में दिए गए किसी विषय के लिए उपबंध करने वाला विधेयक या संशोधन राष्ट्रपति की सिफारिश से ही प्रस्तावित किया जाएगा, अन्यथा नहीं। ऐसा उपबंध करने वाला विधेयक केवल लोक सभा में ही प्रस्तुत किया जाएगा।
  • अनुच्छेद 117(3): भारत की संचित निधि से होने वाले किसी व्यय से संबंधित विधेयक संसद के किसी भी सदन द्वारा तब तक पारित नहीं किया जाएगा, जब तक राष्ट्रपति ने उस सदन से विधेयक पर विचार करने की सिफारिश नहीं की है।
  • Tags :
  • Online Gaming
  • Article 117
  • Regulation of Online Gaming
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