भारत-जापान रणनीतिक साझेदारी
जापान ने अगले दशक में भारत में निजी क्षेत्र के निवेश में 10 ट्रिलियन येन (67 अरब डॉलर) का लक्ष्य रखा है। इसकी घोषणा टोक्यो में आयोजित 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान की गई।
शिखर सम्मेलन के मुख्य परिणाम
- 21 परिणामों की घोषणा की गई, जिनमें 13 समझौते शामिल हैं:
- रक्षा सहयोग: रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग में वृद्धि।
- महत्वपूर्ण खनिजों में निवेश: भारत में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज में जापानी निवेश।
- सेमीकंडक्टर सहयोग: सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी और विनिर्माण में अधिक सहयोग।
- हाई-स्पीड रेल नेटवर्क: भारत के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार हेतु सहायता।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: जापान में 50,000 कुशल और अर्ध-कुशल भारतीयों के लिए प्रशिक्षण।
- भारत में जापान औद्योगिक टाउनशिप के लिए समर्थन तथा व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) की समीक्षा, ताकि इसे और अधिक दूरदर्शी बनाया जा सके।
- संस्थागत सहयोग को गहरा करने के लिए भारतीय राज्यों और जापानी प्रान्तों के बीच सहभागिता।
आर्थिक और तकनीकी सहयोग
- जापानी कम्पनियों को भारत की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं जैसे 7,000 किलोमीटर लम्बे हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- बंदरगाह, विमानन, जहाज निर्माण, सड़क परिवहन और रसद जैसे क्षेत्रों में संभावित जापानी निवेश।
- भारत और जापान का लक्ष्य वैश्विक बाजारों के लिए अगली पीढ़ी के रक्षा प्लेटफॉर्म विकसित करना है।
- जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा भारत के चंद्रयान-5 प्रक्षेपण में सहयोग करेगी।
सुरक्षा और भू-राजनीतिक चिंताएँ
- एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की पुनः पुष्टि।
- पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर में चीनी आक्रामकता पर चिंता तथा नौवहन और उड़ान सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाली एकतरफा कार्रवाइयों का विरोध।
- पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा।
सहयोग के अन्य रणनीतिक क्षेत्र
- संयुक्त निवेश और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों सहित महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं पर ध्यान केंद्रित करना।
- हाइड्रोजन और अमोनिया परियोजनाओं को बढ़ावा देना, तथा कार्बन प्रबंधन के लिए संयुक्त ऋण तंत्र का निर्माण करना।
- क्वाड समूह के प्रति प्रतिबद्धता और क्यूशू क्षेत्र के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए फुकुओका में भारत के वाणिज्य दूतावास का विस्तार।
प्रौद्योगिकी और नवाचार
- भारत और जापान को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी माना गया है तथा दोनों देशों के बीच AI, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक और अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग की संभावना है।
- सेंडाइ में एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री का दौरा करने की योजना है, जहां दोनों देशों के बीच तकनीकी तालमेल को प्रदर्शित किया जाएगा।
अपेक्षित घटनाक्रम
- अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए 10-वर्षीय दृष्टिकोण।
- लोगों के बीच आदान-प्रदान और कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित करना, जिसका लक्ष्य 500,000 द्विपक्षीय आदान-प्रदान और जापान में 50,000 भारतीय कामगारों को प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- भारत-जापान SME प्लेटफॉर्म का शुभारंभ तथा सेमीकंडक्टर, दूरसंचार और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं।