भारतीय प्रधान मंत्री और चीनी राष्ट्रपति के बीच बैठक
31 अगस्त, 2025 को प्रधान मंत्री मोदी ने तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस बैठक में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और सीमा पर शांति के महत्व पर ज़ोर दिया गया।
बैठक के मुख्य परिणाम
- सीमा से सैनिकों की वापसी: दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष की सफल वापसी और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने पर संतोष व्यक्त किया।
- सीमा समाधान: उन्होंने सीमा प्रश्न के निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की।
व्यापक संबंधों पर चर्चा
- सामरिक स्वायत्तता: भारतीय प्रधान मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ युद्धों के बावजूद भारत-चीन संबंधों को "तीसरे देश के नजरिए" से नहीं देखा जाना चाहिए।
- साझा आधार का विस्तार: दोनों नेताओं ने आतंकवाद और निष्पक्ष व्यापार सहित विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने साझा आधार का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की।
चीनी राष्ट्रपति की टिप्पणी
- सहयोग बनाम प्रतिद्वंद्विता: उन्होंने कहा कि चीन और भारत को एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी के रूप में देखे जाने के बजाय सहयोग करना चाहिए। उन्होंने इस रिश्ते को लाक्षणिक रूप से "कोऑपरेटिव पास-दे-ड्यूक्स ऑफ़ द ड्रैगन एंड द एलीफैंट" बताया।
- विकास साझेदार: इस बात पर जोर दिया गया कि भारत और चीन विकास साझेदार हैं और उनके मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए।