भारत-चीन संबंध और SCO शिखर सम्मेलन
कज़ान में हुई बैठक के बाद से भारत और चीन के संबंधों में सकारात्मक बदलाव आया है। प्रधान मंत्री ने चीनी राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के आधार के रूप में आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के महत्व पर ज़ोर दिया।
प्रमुख घटनाक्रम
- यह बैठक बीजिंग से लगभग 120 किलोमीटर दूर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले हुई।
- दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि सीमा प्रबंधन पर एक समझौते पर पहुँच गए हैं।
- कैलाश मानसरोवर यात्रा पुनः शुरू हो गई है तथा सीधी उड़ानें पुनः शुरू की जा रही हैं।
प्रधान मंत्री की चीन यात्रा में SCO शिखर सम्मेलन का पक्ष भी शामिल था, जो बहुपक्षीय चर्चाओं पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत था।
चुनौतियाँ और आगे की राह
- संबंधों को सुधारने के प्रयासों के बावजूद, भारत को पाकिस्तान की सेना को चीनी सहायता के साक्ष्य मिले, जिससे संबंध प्रभावित हुए।
- पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने का मुद्दा अभी भी बना हुआ है। इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दोनों ओर अनुमानतः 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।
- दोनों पक्ष आगे बढ़ने और इस चुनौतीपूर्ण मुद्दे का समाधान करने पर सहमत हुए हैं।
उनकी बैठक भारत-चीन संबंधों को स्थिर करने और सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का संकेत देती है।