Select Your Preferred Language

Please choose your language to continue.

भारत के चार उत्सर्जन-भारी क्षेत्रों को कार्बन-मुक्त करने के लिए 2030 तक 467 बिलियन डॉलर की आवश्यकता: अध्ययन | Current Affairs | Vision IAS

Daily News Summary

Get concise and efficient summaries of key articles from prominent newspapers. Our daily news digest ensures quick reading and easy understanding, helping you stay informed about important events and developments without spending hours going through full articles. Perfect for focused and timely updates.

News Summary

Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat

भारत के चार उत्सर्जन-भारी क्षेत्रों को कार्बन-मुक्त करने के लिए 2030 तक 467 बिलियन डॉलर की आवश्यकता: अध्ययन

1 min read

भारत में डीकार्बोनाइजेशन और जलवायु वित्त

हाल ही में सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस (CSEP) द्वारा किए गए एक अध्ययन में भारत के प्रमुख क्षेत्रों में डीकार्बोनाइजेशन के लिए आवश्यक निवेश पर प्रकाश डाला गया है। 

निवेश आवश्यकताएँ 

  • चार प्रमुख उत्सर्जन-गहन क्षेत्रों को महत्वपूर्ण रूप से कार्बन-मुक्त करने के लिए 2030 तक लगभग 467 बिलियन डॉलर के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है। 
  • अध्ययन में बिजली, इस्पात, सीमेंट और सड़क परिवहन पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो भारत के CO2 उत्सर्जन में आधे से अधिक का योगदान करते हैं। 

डीकार्बोनाइजेशन का प्रभाव 

  • बिजली, सीमेंट और इस्पात क्षेत्रों को कार्बन मुक्त करने से 2030 तक लगभग 6.9 बिलियन टन CO2 उत्सर्जन कम हो जाएगा।
  • भारत पेरिस समझौते के तहत अपने जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति के पथ पर अग्रसर है तथा उसने पहले ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। 
  • Tags :
  • Decarbonisation
Subscribe for Premium Features