नेपाल Gen Z विरोध प्रदर्शन पर अपडेट
मंगलवार (9 सितंबर) को नेपाल में व्यापक अशांति देखी गई, जब 'Gen Z' प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, राजनीतिक कार्यालयों और कई पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित शीर्ष राजनीतिक हस्तियों के घरों में आग लगा दी। यह के.पी. शर्मा ओली शासन की दमनकारी कार्रवाइयों की प्रतिक्रिया थी।
विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि
- पिछले दिन काठमांडू में पुलिस की गोलीबारी में 19 युवा प्रदर्शनकारी मारे गये।
- अशांति के कारण प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को अज्ञात स्थान पर सुरक्षा में रखा गया।
- कर्फ्यू के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कई मंत्रियों और राजनेताओं पर हमला किया गया।
सोशल मीडिया और Gen Z की भूमिका
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर असंतोष बढ़ा, युवा लोगों (1996 और 2012 के बीच जन्मे) ने राजनीतिक व्यवस्था और भ्रष्टाचार के प्रति निराशा व्यक्त की।
- आलोचना राजनेताओं के बच्चों की असाधारण जीवनशैली पर केंद्रित थी तथा 'नेपो बेबीज़' और 'नेपो किड्स' जैसे शब्द प्रचलन में थे।
- सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों (Gen Z के लिए प्राथमिक माध्यम) पर प्रतिबंध लगाने से उनका गुस्सा और बढ़ गया।
परिणाम और मांगें
प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की, जो सोमवार शाम को पूरी हो गई। उन्होंने भ्रष्टाचार, सामाजिक असमानता और रोज़गार के अवसरों की कमी को खत्म करने का भी आह्वान किया।
लक्षित हमले
- प्रदर्शनकारियों ने कम से कम पांच पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों पर हमला किया।
- पूर्व प्रधानमंत्री खनल की पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार की हिंसा के कारण मृत्यु हो गई।
- ओली के आलोचक रबी लामिछाने को जेल से रिहा कर दिया गया।
राजनीतिक और सैन्य प्रतिक्रिया
- जनरल अशोक राज सिगडेल के नेतृत्व में सेना ने शांति और सुलह की अपील करते हुए सुरक्षा अभियान की जिम्मेदारी संभाल ली।
- बालेन शाह और RSP नेता लामिछाने जैसे राजनीतिक हस्तियों ने प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
- राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) ने संसद से सामूहिक इस्तीफे पर विचार किया।
पूर्व राजा की भागीदारी
- पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की तथा संकट के समाधान के लिए बातचीत का सुझाव दिया।
- राजनीतिक एजेंडा तय होने के बाद अंतरिम सरकार की संभावना है।
भारत का दृष्टिकोण
- नेपाल की अस्थिरता और उसके प्रभावों को लेकर भारत बहुत चिंतित है।
- प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थिति पर एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि के महत्व पर बल दिया गया।