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एनसीआरबी के नवीनतम आंकड़ों पर एक्सप्रेस व्यू: अत्याचार रोकें

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2023 में अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2023 के आंकड़ों से पता चलता है कि अनुसूचित जनजातियों (ST) के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 28.8% अधिक है।

प्रमुख आँकड़े और क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि

  • मणिपुर:
    • 2022 में केवल एक मामला दर्ज किया गया।
    • 2023 में बढ़कर 3,399 मामले हो गए, जिसका कारण मई 2023 का संघर्ष है।
  • मध्य प्रदेश और राजस्थान:
    • 2023 में सर्वाधिक रिपोर्ट किये गए मामलों में दूसरे और तीसरे स्थान पर।
    • मध्य प्रदेश में इससे पहले 2022 में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध हुए थे।

अंतर्निहित मुद्दे और प्रतिक्रियाएँ

  • मामलों में वृद्धि आंशिक रूप से जागरूकता और रिपोर्टिंग में वृद्धि के कारण हुई है।
  • जमीनी स्तर पर हस्तक्षेप और समावेशी राजनीति एवं नीतियों की आवश्यकता।
  • सरकारी पहल:
    • प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन)
    • धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)
  • पहलों के बावजूद, अत्याचार के मामलों में वृद्धि जारी हैं, जिससे निरंतर सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता उजागर होती है।

केस स्टडी और राजनीतिक संदर्भ

  • मध्य प्रदेश:
    • भाजपा दो दशक से अधिक समय से सत्ता में है; अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 21.1% है।
    • पुलिस क्रूरता और सतर्कतावाद सहित गंभीर अपराधों की रिपोर्ट।
    • उल्लेखनीय घटना: एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने का वीडियो वायरल हुआ।
  • राजस्थान:
    • कांग्रेस के कार्यकाल में वादों के बावजूद कार्रवाई का अभाव।
    • आरोप-पत्र दाखिल करने की दर 42.3% है, जो प्रशासनिक निष्क्रियता को दर्शाती है।
    • भाजपा ने 2023 में विधान सभा चुनाव जीत लिया, जिससे पाठ्यक्रम में सुधार की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

एक अधिक समतापूर्ण भविष्य के लिए हाशिए पर पड़े समुदायों पर अत्याचारों को दूर करना आवश्यक है। अनुसूचित जनजातियों के लिए न्याय और समावेशन सुनिश्चित करने हेतु राजनीतिक और प्रशासनिक प्रयासों को तेज़ किया जाना चाहिए।

  • Tags :
  • National Crime Records Bureau (NCRB)
  • Atrocities Against Scheduled Tribes
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