AI निवेश में उछाल
पिछले कुछ वर्षों में AI निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसका मुख्य नेतृत्व माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट, मेटा, एनवीडिया और ओपनAI जैसी प्रमुख वैश्विक तकनीकी कंपनियों ने किया है। यह वृद्धि वैश्विक स्तर पर AI मॉडल विकसित करने और उन्हें लागू करने के लिए आवश्यक पर्याप्त पूंजी के कारण है।
वैश्विक निवेश रुझान
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की AI सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में AI में वैश्विक कॉर्पोरेट निवेश 252.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
- मैकिन्से के अनुसार, AI प्रसंस्करण के लिए डेटा केंद्रों को 2030 तक 5.2 ट्रिलियन डॉलर के पूंजीगत व्यय की आवश्यकता होगी, जो मुख्य रूप से चिप्स और कंप्यूटिंग हार्डवेयर के लिए प्रौद्योगिकी विकास पर केंद्रित होगा।
आशावाद और चिंताएँ
- IMF ने AI बूम के बावजूद लाभ की उम्मीदें पूरी न होने पर चिंता जताई है।
- इसके विपरीत, प्रौद्योगिकी दिग्गज कंपनियां निवेश बढ़ा रही हैं और AI के भविष्य के प्रति आशावाद दिखा रही हैं।
भारत में गूगल का निवेश
गूगल ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में AI डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए पांच वर्षों (2026-2030) में 15 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की, जो अमेरिका के बाहर इसकी सबसे बड़ी सुविधा होगी।
- इस केंद्र में एक "उद्देश्य-निर्मित डेटा सेंटर परिसर होगा जो गीगावाट-स्तरीय कंप्यूटिंग क्षमता में सक्षम होगा।"
- AI सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गूगल ने 2024 के पूंजीगत व्यय का अनुमान बढ़ाकर 85 बिलियन डॉलर कर दिया है।
AI में भारत की स्थिति
- भारत का डेटा सेंटर उद्योग 2024 में 1 गीगावाट का आंकड़ा पार कर जाएगा, जिसमें मुंबई सबसे आगे रहेगा।
भारत सरकार की पहल
- सरकार ने उच्च-मात्रा फैब और OSAT सहित दस अर्धचालक विनिर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
- 23 चिप-डिजाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, साथ ही 12 स्टार्टअप्स के लिए स्वदेशी भाषा मॉडल बनाने की पहल भी की गई है।
भविष्य पर ध्यान
भारत को AI क्षेत्र में प्रगति करने के लिए अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करना तथा श्रम बल के कौशल को बढ़ाना महत्वपूर्ण है।