इसरो से संबंधित घटनाक्रम और विकास
गगनयान मिशन की प्रगति
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने घोषणा की कि गगनयान मिशन का लगभग 90% विकास कार्य पूरा हो चुका है। इस मिशन में शामिल हैं:
- रॉकेट की मानव रेटिंग.
- जीवन रक्षक प्रणाली और चालक दल के बचाव प्रणालियों का विकास।
- मानव-केन्द्रित उत्पादों का निर्माण।
यह मानवयुक्त मिशन 2027 के लिए निर्धारित है, जबकि तीन मानवरहित मिशन पहले से ही योजनाबद्ध हैं। पहला मानवरहित मिशन, जिसमें मानव जैसा दिखने वाला व्योममित्रा शामिल है, इसके इस वर्ष के अंत तक प्रक्षेपित होने की उम्मीद है। इस मिशन का उद्देश्य तीन दिवसीय मिशन के लिए तीन सदस्यों के दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजकर, उन्हें भारतीय जलक्षेत्र में सुरक्षित रूप से उतारकर मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है।
निसार उपग्रह अद्यतन
30 जुलाई, 2025 को प्रक्षेपित किया गया नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह कथित तौर पर पूरी तरह से स्वस्थ है। इसके 10-15 दिनों में चालू होने की उम्मीद है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
- नासा के एल-बैंड और इसरो के एस-बैंड के साथ दोहरी आवृत्ति सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR)।
- नासा के 12 मीटर लंबे अनफ़रलेबल मेश रिफ्लेक्टर एंटीना का उपयोग, जिसे इसरो के संशोधित I3K सैटेलाइट बस के साथ एकीकृत किया गया है।
- सभी मौसमों में, दिन-रात पृथ्वी अवलोकन क्षमता, 12 दिन के अंतराल पर डेटा संग्रहण।
NVS-02 उपग्रह समस्या
NVS-02 उपग्रह में वाल्व की खराबी के कारण तकनीकी खराबी आ गई, जिससे इसकी कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया बाधित हो गई। यह फिलहाल दीर्घवृत्ताकार कक्षा में है। इसरो ने विफलता विश्लेषण पूरा कर लिया है और समिति की सिफारिशें सरकार को सौंपेगा।