67,928 करोड़ रुपये: हाल के 8 प्रमुख राज्य चुनावों में सरकारों द्वारा चुनाव-पूर्व खर्च | Current Affairs | Vision IAS

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    67,928 करोड़ रुपये: हाल के 8 प्रमुख राज्य चुनावों में सरकारों द्वारा चुनाव-पूर्व खर्च

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    भारतीय राज्य चुनावों में लोकलुभावन कल्याणकारी योजनाएँ

    भारत भर में राज्य सरकारों ने पिछले दो वर्षों में विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकलुभावन कल्याणकारी योजनाओं पर कुल 67,928 करोड़ रुपये वितरित किए हैं।

    प्रमुख राज्य और व्यय पहल

    • महाराष्ट्र (2024):
      • माझी लड़की बहिन योजना और मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं के तहत 23,300 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
      • चुनाव के बाद प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में चुनौतियां उत्पन्न हुईं, जिसके कारण अन्य विभागों में बजट में कटौती हुई।
    • बिहार:
      • 19,333 करोड़ रुपये व्यय किये गये; जो राज्य के स्वयं के कर राजस्व का 32.48% अथवा कुल राजस्व का 7.40% है।
      • उच्च व्यय अनुपात के कारण महत्वपूर्ण राजकोषीय प्रभाव।
    • हरियाणा:
      • कर राजस्व का 0.41% न्यूनतम कल्याणकारी व्यय; भाजपा ने तीसरी बार सत्ता बरकरार रखी।
    • छत्तीसगढ़:
      • अपने कर राजस्व का 0.66% खर्च किया; कांग्रेस सत्ता खो बैठी जबकि भाजपा को लाभ हुआ।
    • झारखंड:
      • कर राजस्व का 15.95% मुख्य रूप से महिला-केंद्रित और बिजली बिल माफी योजनाओं पर खर्च किया गया।
      • झामुमो सत्ता में लौट आया।
    • मध्य प्रदेश:
      • भाजपा ने अपने कर राजस्व का 10.27% कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया; सत्ता विरोधी लहर के बावजूद सत्ता बरकरार रखी।
    • राजस्थान:
      • कल्याणकारी योजनाओं पर 6,248 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई।
    • ओडिशा:
      • बीजद ने 2,352 करोड़ रुपये खर्च किये लेकिन सत्ता खो दी।

    चुनौतियाँ और आलोचनाएँ

    • कल्याणकारी योजनाओं के लिए कर राजस्व का उच्च आवंटन स्थायित्व संबंधी चिंताएं उत्पन्न करता है, विशेषकर बिहार जैसे राज्यों में जहां कर आधार सीमित है।
    • इस प्रवृत्ति को चुनावी राजनीति में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की ओर बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसकी कुछ लोग "संस्थागत रिश्वतखोरी" कहकर आलोचना करते हैं।
    • भाजपा का रुख विडंबनापूर्ण है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने इस तरह की पहल की आलोचना करते हुए इसे "रेवड़ी संस्कृति" कहा है, जो राजकोषीय अनुशासन को कमजोर करती है।

    महिला-केंद्रित योजनाओं का प्रभाव

    • महिलाओं को लक्ष्य करके बनाई गई योजनाएं चुनावी नतीजों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं।
    • प्रमुख योजनाओं में महाराष्ट्र की माझी लड़की बहन (13,700 करोड़ रुपये), बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (12,100 करोड़ रुपये) और मध्य प्रदेश की लाडली बहना (8,091 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
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    • Populist Welfare Schemes
    • Indian State Elections
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