मणिपुर में लोकटक झील के लिए पर्यावरणीय चिंताएँ
लोकटक झील, एक रामसर साइट, 132 पौधों और 428 पशु प्रजातियों के साथ एक विविध पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करती है। यह जलविद्युत, मत्स्य पालन, परिवहन और पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। झील के पारिस्थितिक महत्व के लिए सतत प्रबंधन की आवश्यकता है।
अध्ययन के निष्कर्ष
- नागालैंड विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन में लोकटक झील के लिए पर्यावरणीय खतरों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें जल की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले भूमि उपयोग परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (दुर्लभ भूरे सींग वाले हिरणों का पर्यावास) झील पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है।
पहचाने गए प्रमुख मुद्दे
- कृषि, बस्तियां और झूम खेती जैसे भूमि उपयोग परिवर्तन झील को पानी देने वाली नदियों के जल स्तर को खराब करके जल की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं।
- नौ प्रमुख नदियों के क्षेत्रीय नमूने से पता चला कि नम्बुल नदी सबसे प्रदूषित है, जिसमें कृषि और बस्तियों के कारण ऑक्सीजन की मात्रा कम है और कार्बनिक प्रदूषण अधिक है।
- अधिक वन क्षेत्र होने के बावजूद, व्यापक झूम के कारण खुगा नदी के जल की गुणवत्ता खराब थी।
- इरिल और थौबल जैसे वन-प्रधान भू-भागों से होकर बहने वाली नदियों में जल की गुणवत्ता बेहतर पाई गई, जिससे प्राकृतिक वनस्पति का महत्व रेखांकित हुआ।
परिणाम और सिफारिशें
- लोकटक झील को बहाल करने के लिए समुदाय आधारित भूमि प्रबंधन और कृषि अपवाह तथा अपशिष्ट निर्वहन पर सख्त नियंत्रण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- इस झील को मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड में सूचीबद्ध किया गया है, जो मछलियों की घटती आबादी, बढ़ते प्रदूषण और अवसादन जैसी गंभीर पारिस्थितिक चुनौतियों का संकेत देता है।
सहयोग और समर्थन
- इस अध्ययन को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से समर्थन प्राप्त हुआ तथा मणिपुर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से क्षेत्रीय सहायता प्राप्त हुई।