दक्षिण पूर्व एशिया में अमेरिकी भागीदारी
डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण-पूर्व एशिया यात्रा का उद्देश्य इस क्षेत्र में अमेरिका की भागीदारी को बढ़ावा देना है, जो आर्थिक रूप से चीन के साथ जुड़ा हुआ है। आसियान आपूर्ति श्रृंखलाओं और चीन के बीच जटिल संबंधों के कारण यह यात्रा महत्वपूर्ण है।
अमेरिका-चीन व्यापार गतिशीलता
- चीन के साथ टैरिफ विवादों के समाधान की संभावना से दक्षिण-पूर्व एशिया में अमेरिकी प्रभाव बढ़ सकता है।
- दक्षिण कोरिया में एपेक शिखर सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग के साथ ट्रम्प की आगामी बैठक से व्यापार तनाव कम होने की काफी उम्मीदें हैं।
- द्विपक्षीय समझौतों से अमेरिकी जवाबी टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सकता है तथा इसमें कटौती की संभावना से लाभ मिल सकता है।
भारत की व्यापार रणनीति
भारत बाजार पहुंच बढ़ाने के लिए आसियान समूह के साथ अपनी व्यापार संधि में संशोधन कर रहा है, जिसका कारण अमेरिका के साथ व्यापार संबंधी चुनौतियां हैं। इसके कारण निर्यात पर उच्च टैरिफ लग रहे हैं।
- भारत के निर्यात गंतव्यों के विविधीकरण के लिए आसियान एक प्रमुख लक्ष्य है।
- वर्तमान व्यापार समझौते भारतीय निर्यात के पक्ष में नहीं हैं, जिसके कारण पुनः बातचीत की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
- आसियान सदस्य व्यापार समझौते की क्रमिक समीक्षा को प्राथमिकता देते हैं, जो भारत की तात्कालिकता के विपरीत है।
क्षेत्रीय व्यापार विकास
यह सप्ताह एशियाई व्यापार वार्ताकारों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि संभावित अमेरिकी-चीन समझौते इस क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
- आसियान के साथ अतिरिक्त समझौते से सदस्य अर्थव्यवस्थाओं को अमेरिकी टैरिफ के साथ समायोजन करने में मदद मिल सकती है।
- भारत, अमेरिका के साथ दंडात्मक शुल्क हटाने के लिए समझौता कर सकता है, जिससे आसियान के साथ व्यापार संतुलन के लिए अपनी कम निर्यात निर्भरता का लाभ उठाया जा सकेगा।
- भारत का कूटनीतिक प्रभाव अंततः आसियान को व्यापार शर्तों पर पुनर्विचार करने के लिए राजी कर सकता है।