भारत की विद्युत क्षमता में उपलब्धि
विद्युत मंत्रालय ने घोषणा की है कि 30 सितंबर, 2025 तक भारत कुल विद्युत क्षमता में 500 गीगावाट (Gw) का लक्ष्य प्राप्त कर चुका है।
गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों का योगदान
- कुल स्थापित विद्युत क्षमता 500.89 गीगावाट है।
- गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों का योगदान 256.09 गीगावाट है, जो कुल ईंधन का लगभग 51% है।
- गैर-जीवाश्म स्रोतों में नवीकरणीय ऊर्जा, जल विद्युत और परमाणु ऊर्जा शामिल हैं।
उपलब्धियां और लक्ष्य
भारत ने पांच वर्ष पहले ही COP26 पंचामृत के प्रमुख लक्ष्यों में से एक को प्राप्त कर लिया है, जिसके तहत 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से स्थापित विद्युत ऊर्जा क्षमता का 50% प्राप्त करना था।
जीवाश्म ईंधन का योगदान
- जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोत 244.80 गीगावाट का योगदान देते हैं, जो कुल क्षमता का लगभग 49% है।
नवीकरणीय ऊर्जा विवरण
- सौर ऊर्जा क्षमता 127.33 गीगावाट है।
- पवन ऊर्जा का योगदान 53.12 गीगावाट है।
क्षमता में हालिया वृद्धि
- अप्रैल और सितम्बर 2025 के बीच 28 गीगावाट की गैर-जीवाश्म क्षमता जोड़ी गई।
- इसी अवधि में 5.1 गीगावाट जीवाश्म ईंधन क्षमता जोड़ी गई।
रोजगार पर प्रभाव
नवीकरणीय ऊर्जा में बदलाव विनिर्माण, स्थापना, रखरखाव और नवाचार में रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों युवाओं को लाभ मिल रहा है।