इसरो LVM3-M5 रॉकेट प्रक्षेपण
इसरो अपने सबसे बड़े रॉकेट, LVM-3, के प्रक्षेपण के लिए तैयार है, जिसका उपयोग संचार उपग्रह, CMS-03, को अंतरिक्ष में भेजने के लिए किया जाएगा। यह प्रक्षेपण इसरो द्वारा भारतीय धरती से 4,000 किलोग्राम से अधिक वजन वाले उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में स्थापित करने का पहला प्रयास है।
CMS-03 उपग्रह का विवरण
- CMS-03 उपग्रह का वजन 4,410 किलोग्राम है।
- यह प्रक्षेपण LVM3 रॉकेट की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करता है।
LVM-3 रॉकेट अवलोकन
CMS-3 रॉकेट, जिसे पहले जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल मार्क 3 या GSLV MK 3 के नाम से जाना जाता था, यह अपनी प्रक्षेपण क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण है:
- यह ठोस, तरल और क्रायोजेनिक ईंधन आधारित इंजन का उपयोग करता है।
- यह पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) तक 8,000 किलोग्राम तथा भू-समकालिक कक्षा तक 4,000 किलोग्राम तक भार ले जा सकता है।
वाहन विकास और उपलब्धियां
- इसरो के सबसे भारी लांचर ने सभी सात उड़ानें सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं।
- उल्लेखनीय मिशनों में चंद्रयान-2, चंद्रयान-3, जीसैट-19 और GSAT-29 शामिल हैं।
भविष्य की संभावनाओं
इसरो एक नए वाहन, लूनर मॉड्यूल लॉन्च व्हीकल (LMLV) पर काम कर रहा है, जिसे चंद्रमा पर मिशन के लिए डिजाइन किया गया है और यह 80,000 किलोग्राम तक का भार चंद्रमा तक ले जाने में सक्षम है।