असम में सेमीकंडक्टर सुविधा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जगीरोड में असम की नई सेमीकंडक्टर सुविधा के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे पूर्वोत्तर के लिए एक "टर्निंग प्वाइंट" और नवाचार-आधारित विकास के लिए एक मॉडल बताया।
मुख्य अंश
- इस सुविधा को असम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में देखा जा रहा है, जो अपरंपरागत क्षेत्रों में नवाचार की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
- सीतारमण ने नए क्षेत्रों में निवेश लाने में अनुकूल सुविधा के महत्व पर जोर दिया।
- जगीरोड में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की आगामी आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OST) सुविधा को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
सामरिक महत्व
- यह परियोजना भारत के आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है।
- यह भारत की सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सरकार समर्थित पहल का हिस्सा है।
- यह सुविधा वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित कर रही है, जो टाटा और असम दोनों के प्रति विश्वास और भरोसे को दर्शाता है।
अनुसंधान और विकास के लिए समर्थन
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसंधान एवं विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कोष शुरू किया है, जिसका लक्ष्य सरकारी संस्थानों और निजी स्टार्टअप दोनों को बढ़ावा देना है।
- यह निधि, प्रारंभिक वित्तपोषण से लेकर व्यावसायीकरण तक, सम्पूर्ण नवाचार प्रक्रिया का समर्थन करती है।
कार्यवाई के लिए बुलावा
- सीतारमण ने असम के युवाओं को IIT गुवाहाटी के साथ जुड़ने, विचारों का पता लगाने और उन्हें उद्यमों में बदलने के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे और पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।