2025 तक भारत में तपेदिक का उन्मूलन
2018 में, भारत सरकार ने 2025 तक तपेदिक (TB) उन्मूलन का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया था, जो वैश्विक लक्ष्य से पाँच साल आगे है। प्रगति के बावजूद, हालिया रिपोर्टों और सर्वेक्षणों से पता चलता है कि देश इस लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर नहीं है।
वर्तमान स्थिति और प्रगति
- 2024 में TB के मामले: भारत में 27 लाख से अधिक TB के मामले दर्ज किए गए।
- मामलों में कमी: 2015 से TB के मामलों में 21% की कमी आई है।
- TB से होने वाली मौतों में कमी: पिछले नौ वर्षों में 28% की गिरावट।
वैश्विक संदर्भ और भारत की भूमिका
- वैश्विक स्तर पर, 2014 से 2025 तक TB के मामलों में 12% की कमी आई है।
- भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, तथा अनुमानित मामलों में से 80% से अधिक का निदान किया जा चुका है, जबकि 2015 में यह आंकड़ा 50% था।
चुनौतियाँ और उपचार में प्रगति
- अधिक संख्या में पहचान के कारण देखभाल की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिनमें से कई बहुऔषधि प्रतिरोधी TB से पीड़ित हैं।
- BPaLM रेजिमेन: यह पहल बहुऔषधि प्रतिरोधी TB के उपचार समय को छह महीने तक कम कर देती है।
- रोगियों द्वारा चिकित्सा का अनुपालन न करना एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है।
अगले चरण और सिफारिशें
- शोध संबंधी अंतर्दृष्टि: प्रदूषण TB के परिणामों को बढ़ाता है और मधुमेह जोखिम को बढ़ाता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में सफलताओं को आगे बढ़ाने, कमियों की पहचान करने तथा उन्हें प्रभावी ढंग से दूर करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।