वैश्विक AI दौड़ में भारत की स्थिति
चूंकि भारत वैश्विक AI क्षेत्र में एक प्रमुख भागीदार के रूप में अपनी स्थिति बना रहा है, इसलिए देश 10,000 करोड़ रुपये के इंडियाAI मिशन के शुभारंभ के माध्यम से AI को सस्ती और सुलभ बनाने का लक्ष्य बना रहा है।
इंडियाAI मिशन के उद्देश्य
- यह सुनिश्चित करना कि AI का लाभ शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों तक पहुंचे।
- बेंगलुरु जैसे पारंपरिक तकनीकी केंद्रों से परे AI के उपयोग का विस्तार करना।
प्रमुख पहल और बजट
इंडियाAI मिशन का बजट 10,372 करोड़ रुपये है।
- कॉमन कंप्यूट: 14 प्रदाताओं के माध्यम से <$2/GPU-घंटा की विश्व की सबसे कम ऑन-डिमांड कीमत के साथ पांच वर्षों में 38,000 GPU की तैनाती।
- कौशल विकास: AI में 1.25 मिलियन से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य।
- डेटा प्लेटफ़ॉर्म (AIKosh): इसमें 20 क्षेत्रों में 3,000 डेटासेट और 243 AI मॉडल शामिल हैं।
भारत में AI का क्षेत्रीय प्रभाव
कृषि
- AI में 2028 तक कृषि क्षेत्र में 4.7 बिलियन डॉलर जोड़ने की क्षमता है।
- सरकार ने 300 से अधिक एग्रीटेक स्टार्टअप्स को वित्त पोषित किया है और 'किसान ई-मित्र' लॉन्च किया है, जो एक आवाज-आधारित AI-संचालित चैटबॉट है जो प्रतिदिन 20,000 से अधिक किसानों के प्रश्नों का उत्तर देता है।
स्वास्थ्य देखभाल
- नैसकॉम के अनुमान के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा में AI का एकीकरण 2025 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 25-30 बिलियन डॉलर का योगदान कर सकता है।
- भारत में 50% से अधिक स्वास्थ्य सेवा संगठन GenAI को शामिल कर रहे हैं।
- AI-सक्षम टेलीमेडिसिन 78% ग्रामीण रोगियों के लिए अधिक सुलभ है।
- AI-संचालित रिमोट मॉनिटरिंग से सामान्य ICU लागत के एक अंश पर रोगी देखभाल का प्रबंधन किया जा सकता है।
शिक्षा
- भारत में एडटेक AI बाजार 2024-2028 के बीच 33.5% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।
- स्टैनफोर्ड AI इंडेक्स 2024 के अनुसार, भारत 2.8 स्कोर के साथ AI कौशल प्रवेश में अग्रणी है, जो अमेरिका (2.2) और जर्मनी (1.9) से आगे है।
- शैक्षणिक वर्ष 2024-25 तक, 4,500 से अधिक स्कूलों के 800,000 छात्रों ने AI विषयों में दाखिला लिया है।
- 2024 में, कोर्सेरा पर भारतीय शिक्षार्थियों की संख्या यूरोप के शिक्षार्थियों से आगे निकल जाएगी, जहां 60% शीर्ष पाठ्यक्रम AI/ ML पर केंद्रित होंगे।