भारत-इंडोनेशिया रक्षा सहयोग
भारत और इंडोनेशिया ने एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर ज़ोर दिया। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
- समुद्री क्षेत्र जागरूकता: दोनों देशों का लक्ष्य समुद्री निगरानी और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाना है।
- साइबर लचीलापन: साइबर खतरों के विरुद्ध साइबर रक्षा क्षमताओं और लचीलेपन को मजबूत करना।
- संयुक्त परिचालन तत्परता: सहयोगात्मक संचालन और अभ्यास के लिए तत्परता में सुधार करना।
रक्षा मंत्रियों की वार्ता
भारत-इंडोनेशिया रक्षा मंत्रियों की तीसरी वार्ता द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रही।
बहुपक्षीय ढांचे और संयुक्त विकास
- हिंद महासागर रिम एसोसिएशन: दोनों पक्ष बहुपक्षीय ढांचे के माध्यम से सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
- संयुक्त विकास और उत्पादन: हथियार प्रणालियों के संयुक्त विकास और उत्पादन पर चर्चा।
- संयुक्त रक्षा उद्योग सहयोग समिति: प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, तथा आपूर्ति श्रृंखला संपर्कों को सुविधाजनक बनाने के लिए इस समिति की स्थापना का प्रस्ताव।
ब्रह्मोस मिसाइल आपूर्ति
भारत और इंडोनेशिया ब्रह्मोस मिसाइलों की आपूर्ति के लिए बातचीत कर रहे हैं, जिनका उत्पादन भारत में घरेलू स्तर पर किया जाता है।
सैन्य प्रशिक्षण और अभ्यास
- अधिकारी आदान-प्रदान और संयुक्त प्रशिक्षण: अंतर-संचालन और ज्ञान साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए निरंतर आदान-प्रदान और प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- संयुक्त अभ्यास: सफल संयुक्त अभ्यासों में सुपर गरुड़ शील्ड, गरुड़ शक्ति, समुद्र शक्ति, मिलन और आगामी वायु युद्धाभ्यास अभ्यास शामिल हैं।