परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलना
प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष उद्योग की तर्ज पर परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की घोषणा की है। उन्होंने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों, उन्नत रिएक्टरों और परमाणु नवाचार में निजी क्षेत्रक की भागीदारी की संभावनाओं पर ज़ोर दिया।
सुधार के लाभ
- इस सुधार का उद्देश्य भारत की ऊर्जा सुरक्षा और तकनीकी नेतृत्व को मजबूत करना है।
- इससे परमाणु क्षेत्र में निजी उद्यमों के लिए नये अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में उपलब्धियाँ
अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसरों के प्रति युवा भारतीयों, विशेषकर जेनरेशन जेड, में उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया है।
अंतरिक्ष स्टार्टअप्स का विकास
- भारत में 300 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप उभरे हैं, जो महत्वपूर्ण नवाचार प्रदर्शित कर रहे हैं।
- ये स्टार्टअप अक्सर छोटी टीमों के साथ शुरू होते हैं, लेकिन प्रभावशाली योगदान देते हैं।
वैश्विक प्रभाव और निवेश
- भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र वैश्विक निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनता जा रहा है।
- वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के विस्तार की उम्मीद है, जिससे भारतीय युवाओं के लिए अवसर पैदा होंगे।
- भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को लागत प्रभावी और विश्वसनीय माना जाता है।
भविष्य की संभावनाओं
- भारत आगामी वर्षों में अपनी प्रक्षेपण क्षमताओं को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने की योजना बना रहा है।
- अंतरिक्ष क्षेत्र से पांच नई कंपनियों के उभरने की उम्मीद है।
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है, जहां स्टार्टअप छोटे शहरों और गांवों से भी उभर रहे हैं।
सांख्यिकी और विकास
- भारत में 150,000 से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप हैं।
- कई स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं, जिनका मूल्य एक अरब डॉलर से अधिक है।
डीप-टेक और विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित
- भारत सेमीकंडक्टर निर्माण, चिप निर्माण और डिजाइन हब जैसे क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है।
- इसका उद्देश्य एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला स्थापित करना है।