भारत का अकाल से खाद्य निर्यातक बनने का सफर
भारत 1970 के दशक में अकालग्रस्त देश से आज एक अग्रणी खाद्य निर्यातक देश बन गया है। हालांकि, पोषण सुरक्षा की दिशा में इसका सफर अभी अधूरा है।
घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (HCES) 2022-23
- यह सर्वेक्षण पिछले 23 वर्षों में भोजन, उपभोग वस्तुओं और टिकाऊ वस्तुओं पर प्रति व्यक्ति मासिक व्यय (MPCE) के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- खाद्य व्यय में वास्तविक रूप से वृद्धि हुई है, जिसमें डेयरी उत्पाद, अंडे और मांस जैसे प्रोटीन स्रोतों की ओर रुझान बढ़ा है और अनाज पर होने वाले व्यय में कमी आई है।
- भारतीय आहार अभी भी निम्न गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट पर बहुत अधिक निर्भर करता है, जिससे मोटापा और अन्य चयापचय संबंधी बीमारियां होती हैं।
आर्थिक और आहार संबंधी रुझान
- प्रति व्यक्ति आय और वास्तविक GDP में वृद्धि हुई है, लेकिन 1999 के बाद से अनाज पर होने वाला खर्च काफी कम हो गया है।
- पशु-आधारित खाद्य पदार्थों और फलों और सब्जियों पर होने वाला खर्च बढ़ गया है।
- शहरी उपभोक्ता गुणवत्ता और विविधता को प्राथमिकता देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
आहार में बदलाव के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव
- भारत में गैर-संक्रामक रोगों (NCD) में वृद्धि और खराब आहार से बीमारियों का बोझ काफी हद तक बढ़ जाता है।
- खान-पान से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों में अनुमानित वृद्धि में कैंसर, टाइप-2 मधुमेह और श्वसन संबंधी बीमारियों की अधिक घटनाएं शामिल हैं।
पोषण और पर्यावरणीय प्रभाव
- अनुशंसित आहार दिशा-निर्देशों की तुलना में सब्जियों और दालों के सेवन में कमी है।
- आहार संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने से 2050 तक मीथेन उत्सर्जन में 36% और नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन में 35% की कमी आ सकती है।
पोषण सुरक्षा में सुधार के लिए सिफारिशें
- अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और मीठे पेय पदार्थों पर कर लगाने जैसे राजकोषीय उपायों को लागू करना।
- पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों की खेती करने और पुनर्योजी कृषि तकनीकों का उपयोग करने के लिए छोटे पैमाने के किसानों का समर्थन करना।
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और उच्च प्रोटीन वाली फसलों के अनुसंधान और विकास में निवेश करें और भंडारण सुविधाओं में सुधार करना।
- खाद्य कंपनियों को भारतीय स्वाद के अनुरूप किफायती और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद तैयार करने चाहिए।