कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संदर्भ में कॉपीराइट कानून में परिवर्तन
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास से उत्पन्न मांगों के मद्देनजर केंद्र सरकार कॉपीराइट कानून में संशोधन करने की योजना बना रही है। 11 दिसंबर, 2025 को एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस प्रक्रिया के तीन वर्षों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।
प्रस्तावित ढांचा
- उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने एक "व्यापक लाइसेंसिंग" ढांचा प्रस्तावित किया है।
- यह ढांचा बताता है कि चैटGPT जैसे बड़े भाषा मॉडल (LLM) द्वारा उपयोग किए जाने वाले डेटा वाली वेबसाइटों को रॉयल्टी भुगतान प्राप्त होगा।
- रॉयल्टी का प्रबंधन एक कॉपीराइट संस्था द्वारा किया जाएगा, जो सामग्री प्रकाशकों के बीच धन का वितरण करेगी।
प्रस्ताव के उद्देश्य
- ऑनलाइन कंटेंट पब्लिशर्स और AI फर्मों के बीच वैश्विक तनाव को दूर करने के लिए।
- प्रकाशक मुआवजे की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनका डेटा AI मॉडल के विकास और सुधार में सहायक होता है।
- AI डेवलपर्स को कंटेंट स्क्रैप करने की अनुमति दी जा सकती है, जिसके परिणामस्वरूप अंततः प्रकाशकों को भुगतान किया जाएगा।
कार्यान्वयन चरण
- दो महीने बाद एक कार्य-पत्र प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता से उत्पन्न कार्यों और उनकी कॉपीराइट योग्यता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- सरकार इस नई व्यवस्था को स्थापित करने के लिए कॉपीराइट अधिनियम, 1957 में संशोधन करने की योजना बना रही है।
- इस प्रस्ताव में एआई प्रशिक्षण के लिए कॉपीराइट रॉयल्टी कलेक्टिव (CRCAT) शामिल है।
- CRCAT, AI फर्मों से भुगतान केवल मॉडल के व्यावसायीकरण के बाद ही मांगेगा, डेटा माइनिंग के दौरान नहीं।
विवादास्पद मुद्दे और उनके जवाब
- कॉपीराइट धारकों को मुआवजा देना एक विवादास्पद मुद्दा है, जिसके चलते ANI और द न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे प्रकाशकों द्वारा ओपनAI जैसी AI फर्मों के खिलाफ मुकदमे दायर किए गए हैं।
- तकनीकी उद्योग की संस्था नैसकॉम, जो मसौदा समिति का हिस्सा थी, ने व्यापक लाइसेंसिंग मॉडल का विरोध किया।
- नैसकॉम का सुझाव है कि प्रकाशकों को प्रशिक्षण मॉडल में डेटा शामिल करने से ऑप्ट-आउट करना चाहिए।
- कॉपीराइट संबंधी कानूनी प्रावधानों को पलटने और AI डेवलपर्स पर सबूत का बोझ डालने को लेकर चिंताएं जताई गईं।
भविष्य के विचार
DPIIT ने कंपनियों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं को स्वीकार किया है और परामर्श प्रक्रिया जारी रहने के दौरान इन सुझावों पर विचार करने की योजना बनाई है।