द्वितीय MH-60R हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन का कमीशनिंग समारोह
भारतीय नौसेना 17 दिसंबर को गोवा स्थित INS हंसा में MH-60R हेलीकॉप्टरों के अपने दूसरे स्क्वाड्रन, जिसे INAS 335 (Ospreys) के नाम से जाना जाता है, को शामिल करने जा रही है।
इस कार्य को शुरू करने का महत्व
- आधुनिकीकरण और क्षमता संवर्धन: यह आयोजन नौसेना के आधुनिकीकरण और उसकी क्षमताओं को बढ़ाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- उन्नत विशेषताएं: MH-60R हेलीकॉप्टर निम्नलिखित सुविधाओं से सुसज्जित है:
- उन्नत हथियार और सेंसर
- अत्याधुनिक विमानन प्रणाली से सुसज्जित
- बहुमुखी मंच: पारंपरिक और असममित दोनों प्रकार के खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम।
परिचालनात्मक प्रभाव
- हेलिकॉप्टर को बेड़े के संचालन में पूरी तरह से एकीकृत कर दिया गया है और इसने परिचालन प्रभावशीलता प्रदर्शित की है।
- विमानन क्षमताओं को बढ़ावा: INAS 335 भारतीय नौसेना की समग्र विमानन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे परिचालन तत्परता में सुधार होगा।
- समुद्री क्षमताओं को सुदृढ़ बनाना: MH-60R के शामिल होने से नौसेना की परिचालन क्षमता का विस्तार होगा, जिससे विशाल समुद्री क्षेत्रों में निरंतर नौसैनिक अभियान चलाना संभव हो सकेगा।
रणनीतिक निहितार्थ
- हिंद महासागर क्षेत्र में तैनाती से भारत की समुद्री उपस्थिति मजबूत होगी और संभावित खतरों को रोका जा सकेगा।
- रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षित और स्थिर वातावरण बनाए रखने में योगदान देता है।
पिछले वर्ष 6 मार्च को कोच्चि में MH-60R हेलीकॉप्टरों के पहले स्क्वाड्रन को शामिल किया गया था, जो भारत की समुद्री विमानन क्षमता में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।