जोखिम-आधारित जमा बीमा ढांचा (RBDIF)
जोखिम-आधारित जमा बीमा ढांचा एक ऐसी प्रणाली है जिसमें बैंक एक समान निश्चित दर के बजाय, जमा बीमा कोष के लिए उत्पन्न होने वाले जोखिम के अनुसार प्रीमियम का भुगतान करते हैं।
मुख्य विचार
उच्च जोखिम → उच्च प्रीमियम | निम्न जोखिम → निम्न प्रीमियम
यह प्रणाली बैंकों को उनके व्यवहार की लागत को आंतरिक बनाने के लिए प्रोत्साहित करके उनके हितों को संरेखित करती है।
प्रमुख घटक
- जोखिम आकलन
- यह निम्नलिखित संकेतकों पर आधारित होता है:
- पूंजी पर्याप्तता
- परिसंपत्ति गुणवत्ता (NPA)
- प्रबंधन गुणवत्ता
- आय एवं लाभप्रदता
- लिक्विडिटी
- बाजार जोखिम के प्रति संवेदनशीलता
- यह अक्सर CAMELS ढांचे के साथ संरेखित होता है।
- यह निम्नलिखित संकेतकों पर आधारित होता है:
- विभेदित प्रीमियम
- बैंकों को विभिन्न जोखिम श्रेणियों (कम, मध्यम, उच्च जोखिम) में वर्गीकृत किया जाता है।
- प्रीमियम की दरें इन श्रेणियों के अनुसार अलग-अलग होती हैं।
- आवधिक समीक्षा
- बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जोखिम प्रोफाइल का नियमित रूप से पुनर्मूल्यांकन किया जाता है।
उद्देश्य
- निश्चित दर (Flat-rate) बीमा के कारण होने वाले 'नैतिक संकट' को कम करना।
- बैंकों के बीच वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देना।
- जमा बीमा कोष की स्थिरता को मजबूत करना।
- वित्तीय स्थिरता को बढ़ाना।
लाभ
- विवेकपूर्ण ऋण देने और शासन को प्रोत्साहित करता है
- अत्यधिक जोखिम लेने पर दंड लगाता है
- प्रारंभिक जोखिम का पता लगाने में सुधार करता है
- बीमा लागतों का अधिक न्यायसंगत आवंटन सुनिश्चित करता है।
चुनौतियां
- जोखिम का सटीक मापन जटिल है।
- प्रो-साइकिलिकिटी (Procyclicality) का जोखिम (तनावपूर्ण समय के दौरान अधिक प्रीमियम का बोझ)।
- छोटे बैंकों को अधिक वित्तीय भार का सामना करना पड़ सकता है।
- इसके लिए मजबूत पर्यवेक्षी क्षमता की आवश्यकता होती है।