इसरो द्वारा ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 के साथ LVM3-M6 का सफल प्रक्षेपण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 24 दिसंबर, 2025 को LVM3-M6 रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। इस मिशन ने अंतरिक्ष अन्वेषण और वाणिज्यिक उपग्रह तैनाती के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज कीं।
मुख्य विशेषताएं
- लॉन्च विवरण:
- LVM3-M6 रॉकेट को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से सुबह 8:55 बजे लॉन्च किया गया।
- प्रक्षेपण के 15 मिनट बाद ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह को सफलतापूर्वक निम्न पृथ्वी कक्षा में स्थापित कर दिया गया।
- हासिल की गई उपलब्धियां:
- पृथ्वी की निचली कक्षा में तैनात किया गया सबसे बड़ा वाणिज्यिक संचार उपग्रह।
- 6,100 किलोग्राम वजनी ब्लू बर्ड ब्लॉक-2, भारत से LVM3 द्वारा लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी पेलोड बन गया है।
- ISRO के बयान:
- ISRO के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने कक्षा में सटीक रूप से उपकरण स्थापित करने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला और इसे विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ में से एक बताया।
- इस मिशन के साथ ही ISRO ने 34 देशों के लिए 434 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया।
वाणिज्यिक और वैश्विक निहितार्थ
- प्रौद्योगिकी प्रगति:
- ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को अमेरिका की AST स्पेसमोबाइल द्वारा विकसित किया गया है और यह डायरेक्ट-टू-मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए अगली पीढ़ी की तकनीक का हिस्सा है।
- यह नेटवर्क 4G और 5G संचार को सपोर्ट करता है, जिससे वैश्विक कनेक्टिविटी मिलती है।
- वैश्विक साझेदारियाँ:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की प्रगति और वैश्विक साझेदारियों पर इसके प्रभाव पर जोर दिया।
- यह मिशन भारी पेलोड लॉन्च करने की भारत की क्षमता को मजबूत करता है और वाणिज्यिक प्रक्षेपण सेवाओं का विस्तार करता है।
मिशन सांख्यिकी
- LVM3-M6 मिशन:
- श्रीहरिकोटा से 104वीं उड़ान।
- LVM-3 प्रक्षेपण यान का नौवां सफल मिशन।
- तीसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन, जिसकी विश्वसनीयता का रिकॉर्ड 100% है।
- लॉन्च आवृत्ति:
- 2 नवंबर, 2025 को प्रक्षेपण के बाद, 52 दिनों के भीतर LVM3 का पहला लगातार मिशन।
- यह उपलब्धि ISRO के विभिन्न केंद्रों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से हासिल की गई है।