उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने स्कूलों के पाठ्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को शामिल करने के महत्व पर जोर देते हुए इस क्षेत्र में भारत की अग्रणी क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने ये बातें डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित AI विकास पर राष्ट्रीय सम्मेलन में कहीं।
भाषण के मुख्य बिंदु
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारत वर्तमान में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है और इसे सुधार कर पहला स्थान हासिल किया जा सकता है।
- श्री राधाकृष्णन ने AI के सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला और रोजगार पर इसके प्रभाव के प्रति संतुलित दृष्टिकोण का सुझाव दिया।
- उन्होंने चल रहे इंडिया AI मिशन का उल्लेख किया, जो शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को नाममात्र दरों पर 38,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट प्रदान करके एआई मॉडल विकास का समर्थन करता है।
- भारत को एक जिम्मेदार एआई नेता के रूप में प्रस्तुत करने पर जोर दिया गया है, जो नैतिक AI विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- AIई को लेकर श्री राधाकृष्णन का आशावादी दृष्टिकोण भारत की रणनीतिक पहलों और उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ जिम्मेदार और सक्रिय जुड़ाव पर जोर देता है।