इस रिपोर्ट में गहरे समुद्र की प्रजातियों के सामने आने वाली विशेष संधारणीयता संबंधी चुनौतियों का उल्लेख किया गया है। इन प्रजातियों की देर से परिपक्वता, धीमी वृद्धि, लंबा जीवनकाल, कम मृत्यु दर और अनियमित प्रजनन के कारण उन्हें कई विशिष्ट चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- रिपोर्ट में अति मत्स्यन के साथ-साथ अवैध, असूचित और अनियमित (IUU) मत्स्यन को भी प्रमुख चिंताओं के रूप में उजागर किया गया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- गहरे समुद्र की केवल 29% मत्स्य प्रजातियां ही संधारणीय तरीके से पकड़ी जा रही हैं। इस वजह से ये प्रजातियां अत्यधिक असुरक्षित हो गई हैं।
- वैश्विक स्तर पर, 64.5% मत्स्य भंडारों का संधारणीय स्तरों पर दोहन किया जा रहा है, जबकि 35.5% मत्स्य भंडार अति मत्स्यन के शिकार हैं।
- अत्यधिक प्रवासी शार्क मत्स्य भंडारों में से आधे से अधिक को असतत माना जाता है। इनमें 23 आकलित शार्क मत्स्य भंडारों में से 43.5% का अति मत्स्यन होता है।
मत्स्य सब्सिडी पर WTO समझौता तीन प्रमुख प्रतिबंध लगाता है:
- IUU मत्स्यन में शामिल जहाजों या ऑपरेटर्स के लिए सब्सिडी पर प्रतिबंध लगाता है।
- जब तक अति मत्स्यन किए गए (Overfished) मत्स्य भंडारों को सतत स्तर तक पुनर्स्थापित करने के उपाय नहीं किए जाते, तब तक मछली पकड़ने के लिए दी जा रही सब्सिडी पर प्रतिबंध लगाता है।
- तटीय देश के अधिकार क्षेत्र से बाहर और क्षेत्रीय मत्स्य प्रबंधन संगठन की निगरानी से परे मछली पकड़ने की गतिविधियों के लिए सब्सिडी पर रोक लगाता है।
IUU मत्स्यन के बारे मेंIUU मत्स्यन एक व्यापक शब्दावली है, जिसमें मछली पकड़ने की कई तरह की गतिविधियां शामिल हैं। ये गतिविधियां खुले समुद्र में और राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार वाले क्षेत्रों, दोनों जगह होती हैं।
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