संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने “द स्टेट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर (SOFA) 2025 रिपोर्ट” जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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SOFA 2025 रिपोर्ट इस तथ्य का सबसे व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है कि मानव गतिविधियों से होने वाला भूमि क्षरण (land degradation) किस तरह कृषि उत्पादन, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन को प्रभावित करता है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • भूमि क्षरण की परिभाषा: भूमि क्षरण को “भूमि की उत्पादकता और पारिस्थितिकी-तंत्र कार्यों एवं सेवाओं को प्रदान करने की उसकी क्षमता में दीर्घकालिक गिरावट” के रूप में परिभाषित किया गया है।
    • यह प्राकृतिक कारणों (मृदा अपरदन, लवणीकरण आदि) और मानवजनित कारणों (वनों की कटाई, अत्यधिक चराई, असंतुलित खेती एवं सिंचाई पद्धतियां इत्यादि) से प्रेरित है।
  • भूमि क्षरण के प्रभाव
    • फसल उत्पादन में कमी: लगभग 1.7 बिलियन लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां मानव गतिविधियों से भूमि क्षरण होने के कारण फसल उत्पादन में औसतन 10% की गिरावट आई है।
      • एशियाई देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, क्योंकि यहां जनसंख्या घनत्व अधिक है और भूमि का क्षरण भी बहुत अधिक बढ़ गया है।
    • उत्पादकता में गिरावट: कुल कारक उत्पादकता वृद्धि (Total factor productivity growth), जो तकनीकी प्रगति और दक्षता में सुधार को दर्शाती है, विशेषकर ग्लोबल साउथ के देशों में 2000 के दशक से घटी है।
    • खाद्य सुरक्षा पर असर: वैश्विक स्तर पर, पांच वर्ष से कम आयु के 47 मिलियन बच्चे ठिगनेपन से पीड़ित हैं। साथ ही, ये बच्चे ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां भूमि क्षरण से फसल उत्पादन घट रहा है।
    • पारिस्थितिकी-तंत्र पर प्रभाव: भूमि क्षरण सभी प्रकार की कृषि प्रणालियों को नुकसान पहुंचाता है।
  • इससे चरागाहों में पशु उत्पादन पर असर पड़ता है।
  • कृषि के विस्तार के लिए वनों की कटाई के कारण जलवायु पैटर्न और जैव विविधता दोनों प्रभावित होते हैं।

सतत भूमि उपयोग के लिए नीतिगत विकल्प

  • विनियामक नीतियां: भूमि उपयोग का निर्धारण, वनों की कटाई पर प्रतिबंध, मृदा संरक्षण के लिए अनिवार्य प्रावधान आदि।
  • प्रोत्साहन आधारित नीतियां: पारिस्थितिकी-तंत्र सेवाओं के भुगतान जैसी संधारणीय प्रथाओं के लिए स्वैच्छिक और लचीले वित्तीय पुरस्कारों का उपयोग करना।
  • सब्सिडी के माध्यम से प्रोत्साहन: सरकारी सब्सिडी या सरकारी सहायता को पर्यावरणीय मानकों के पालन से जोड़ना।
  • लैंड डिग्रेडेशन न्यूट्रैलिटी (LDN): इस सिद्धांत के अनुसार भूमि क्षरण से निपटने के लिए हमें इस क्रम में काम करना चाहिए —पहले रोकें (Avoid) → फिर घटाएं (Reduce) → और अंत में सुधार करें (Reverse)।
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