रणथंभौर में मानव-बाघ संघर्ष
हाल ही में, रणथंभौर में एक छोटे से दायरे में बाघों द्वारा तीन घातक हमले हुए। इससे क्षेत्र में बाघ प्रबंधन और मानव सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
हाल की घटनाएँ
- तीन महीने से भी कम समय में 500 मीटर के दायरे में तीन घातक हमले हो चुके हैं।
- नवीनतम शिकार एक 70 वर्षीय मंदिर का चौकीदार था, जिस पर एक अज्ञात बाघ ने हमला किया।
पिछले हमले
- 16 अप्रैल: बाघिन कनकटी ने गणेश मंदिर में एक 7 वर्षीय बालक को मार डाला।
- 11 मई: कनकटी और उसके भाई ने रेंज अधिकारी देवेन्द्र सिंह की हत्या कर दी।
तकनीकी समिति की भूमिका और सिफारिशें
दूसरे हमले के बाद की स्थिति से निपटने के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया गया।
- समिति ने बाघिन एरोहेड के तीन शावकों को स्थानांतरित करने की सिफारिश की, जो मनुष्यों के आदी हो गए थे।
- कनकटी को बेहोश कर दिया गया और उसे एक बाड़े में रख दिया गया, लेकिन उसके भाई-बहनों के लिए तुरंत प्रबंध नहीं हो सका।
वर्तमान कार्यवाहियाँ और विलंब
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने बाघों के स्थानांतरण को मंजूरी दे दी है।
- पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी अभी भी लंबित है।
नौकरशाही के कारण होने वाली देरी पर चिंता
- विशेषज्ञ अर्जेंट वन्यजीव प्रबंधन कार्यों में नौकरशाही देरी पर निराशा व्यक्त करते हैं।
- वन्यजीव अधिनियम के तहत बाघों के स्थानांतरण के लिए केंद्र की मंजूरी की आवश्यकता होती है, जिसके कारण प्रक्रियागत देरी होती है।