परमाणु शस्त्रागार अवलोकन
स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान (SIPRI) की ईयरबुक 2025 वैश्विक परमाणु शस्त्रागार पर अपडेटेड जानकारी (जनवरी 2025 तक की) प्रदान करती है।
- भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं।
- पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं।
- चीन के पास 600 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 24 तैनात हैं।
परमाणु क्षमताओं में विकास
- भारत ने 2024 में अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया तथा नई परमाणु वितरण प्रणालियां विकसित कीं।
- 'कैनिस्टराइज्ड' मिसाइलों के उपयोग से शांति काल में परमाणु हथियार ले जाना संभव हो सकेगा। साथ ही, प्रति मिसाइल संभावित रूप से एकाधिक हथियार ले जाना संभव हो सकेगा।
- पाकिस्तान नई वितरण प्रणालियों का विकास तथा विखंडनीय सामग्री का संचय जारी रखे हुए है, जो अगले दशक में उसके शस्त्रागार में संभवतः वृद्धि कर सकता है।
वैश्विक परमाणु ताकतें
- रूस और अमेरिका के पास क्रमशः 5,459 और 5,177 परमाणु हथियार के साथ सबसे बड़ा भंडार है।
- रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देश अपनी दोहरी क्षमता वाली मिसाइलों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
- बहु-युद्धक क्षमता वाली मिसाइलों का विकास फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका से आगे बढ़कर चीन, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया तक पहुंच गया है।
भारत का रणनीतिक फोकस
भारत के परमाणु हथियार एक परिपक्व परमाणु त्रिकोण का समर्थन करते हैं जिसमें विमान, भूमि-आधारित मिसाइलें और SSBNs शामिल हैं।
- परंपरागत रूप से, भारत शांति काल के दौरान परमाणु हथियारों को लांचर से अलग रखता था।
- हाल की रणनीतियाँ, जैसे कि मिसाइलों को कनस्तरों में रखना और समुद्र-आधारित गश्ती, शांति काल में लांचरों के साथ वारहेड्स को जोड़ने की ओर बदलाव का संकेत देती हैं।
- पाकिस्तान मुख्य फोकस बना हुआ है, भारत चीन को निशाना बनाने में सक्षम लंबी दूरी के हथियारों पर जोर दे रहा है।
हथियार आयात
2020-24 के बीच, 162 देश प्रमुख हथियार प्राप्तकर्ता थे। इनमें यूक्रेन, भारत, कतर, सऊदी अरब और पाकिस्तान शीर्ष पांच थे, जिनकी कुल हथियार आयात में 35% हिस्सेदारी थी।