परमाणु शस्त्रागार विकास: चीन और भारत
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच चीन और भारत के परमाणु शस्त्रागार में महत्वपूर्ण विकास का विवरण देने वाली एक रिपोर्ट जारी की है।
वैश्विक परमाणु शस्त्रागार अवलोकन
- परमाणु हथियारों का वैश्विक भंडार 12,241 है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के पास इनमें से लगभग 90% हथियार हैं।
चीन का तीव्र विस्तार
- चीन के पास विश्व भर में सबसे तेजी से बढ़ता परमाणु शस्त्रागार है।
- 2023 से चीन प्रतिवर्ष 100 नये हथियार जोड़ रहा है, जिससे उसकी कुल संख्या बढ़कर 600 हो गई है।
- अनुमानों के अनुसार, चीन का शस्त्रागार 2035 तक 1,500 हथियारों तक पहुंच सकता है।
- चीन देश के उत्तर और पूर्व में 350 नए इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) साइलो का निर्माण पूरा करने के करीब है।
- यदि यही रुझान जारी रहा तो चीन इस दशक के अंत तक ICBM की संख्या के मामले में रूस या अमेरिका की बराबरी कर सकता है।
भारत का शस्त्रागार और विकास
- भारत ने अपने शस्त्रागार को 172 से थोड़ा बढ़ाकर 180 कर दिया है।
- भारत सक्रिय रूप से एकाधिक आयुध प्रक्षेपण क्षमताओं वाली नई मिसाइल प्रणालियों का विकास कर रहा है।
- भारत में नई 'कैनिस्टराइज्ड' मिसाइलों का विकास किया जा रहा है, जो संयुक्त परमाणु हथियारों का परिवहन करने में सक्षम हैं। यह संचालन शुरू होने पर संभावित रूप से एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम होगी।
- हाल ही में अग्नि श्रृंखला की मिसाइलों के नए संस्करणों का परीक्षण किया गया है।
पाकिस्तान की परमाणु स्थिति
- पाकिस्तान नई मिसाइल प्रौद्योगिकी विकसित कर रहा है।
- SIPRI के अनुमान के अनुसार, हथियारों की संख्या 170 पर स्थिर बनी हुई है।