बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)
सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से संबंधित एक तत्काल सुनवाई 10 जुलाई, 2025 को निर्धारित की है। इस संशोधन ने अपने कठोर दस्तावेज़ आवश्यकताओं के कारण महत्वपूर्ण कानूनी चुनौतियों को जन्म दिया है।
पृष्ठभूमि
- बिहार में लगभग 2.93 करोड़ मतदाताओं को अपनी जन्मतिथि और स्थान प्रमाणित करने वाले दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, तथा 1987 के बाद जन्मे मतदाताओं को अपने माता-पिता के जन्मतिथि और स्थान प्रमाणित करने वाले दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
चिंताएं और विरोध
- 24 जून को एसआईआर अधिसूचना द्वारा लगाई गई कठोर समय-सीमा की आलोचना की गई है, जिसके तहत गरीब और हाशिए पर पड़े मतदाताओं को आधार और राशन कार्ड के अलावा अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है।
चुनाव आयोग का रुख
- भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार से शुरुआत करते हुए पूरे देश में एसआईआर की शुरुआत कर दी है, तथा आगे के कार्यक्रम की घोषणा जल्द ही की जाएगी।